जमशेदपुर : एनआईटी जमशेदपुर ने भारत के भविष्य के विकास के लिए दूरदर्शी थीम के साथ उद्योग अकादमिक कॉन्क्लेव का आयोजन किया। जो 15-17 नवंबर 2024 तक आयोजित होगी. यह संस्थान के डायमंड जुबली लेक्कर हॉल कॉम्प्लेक्स में आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में करीब 30 स्टाल लगे। इसमें देश-विदेश के 60 संस्थान के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह कॉन्क्लेव का दूसरा संसकरण है।जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ गौतम सूत्रधार ने बताया कि यह आयोजन 15-17 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाना है. यह विषय 2047 में राष्ट्र शताब्दी वर्ष तक प्रगतिशील भारत और झारखंड के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेगा।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग जगत के नेताओं, अकादमिक विशेषज्ञ, नीति निर्माताओं और छात्रों को एक साथ लाना, नवाचार को बढ़ावा देने, गंभीर औद्योगिक चुनौतियों पर चर्चा करने और ऐसे समाधान विकसित करना है जो अकादमिक अनुसंधान को वास्तविक दुनिया की औद्योगिक जरूरतों के साथ रेखांकित करना है. मील का पत्थर साबित होगा।
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यह कॉन्क्लेव में एनआईटी जमशेदपुर, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी पटना, एनआईटी मिजोरम, आईआईट भिलाई, एनआईटी रायपुर, एनआईटी अगरतला, एनआईटी मणिपुर और एनआईटी नागालैंड जैसे प्रतिष्टित संस्थानों के सहयोग से आयोजित कर रहा है।
कॉन्क्लेव में उद्योग भागीदारों में टाटा स्टील, एनटीपीसी, ग्रीको, पावर ग्रिड कॉपोरिशन, मिधानी, गेल, बीसीसीएल, ओएनजीसी, डीवीसी, कोल इंडिया, ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड, आधुनिक, जन्युटेक, लक्ष्म एसोसिएट्स, सीसीएल और रेल विकास निगम लिमिटेड शामिल हैं. कॉन्क्लेव को एसबीआई, केनरा बैंक, एचडीएफसी, एल्सेवियर, स्त्रिगर- नेचर, कैम्ब्रिज प्रेस, टेलर और फ्रांसिस सहित प्रकाशन गृहों और बैंकों द्वारा प्रायोजित किया गया है. यह आयोजन ‘विकसित भारत विकसित झारखंड 2047’ थीम के अनुरूप, अधिक विकसित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
माननीय राज्यपाल ने सभी को बधाई दी और कहा कि ऐसे आयोजन बहुत महत्वपूर्ण हैं और ऐसे आयोजनों का मुख्य उद्देश्य देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के बीच एक सफल सहयोग विकसित करना होना चाहिए।
उन्हें उम्मीद है कि इस सम्मेलन के नतीजे अकादमिक संस्थानों में किए गए उन्नत अनुसंधान का उपयोग करके औद्योगिक समस्याओं को हल करने में सहायक होंगे। उन्होंने उद्योग की जरूरतों के अनुसार अकादमिक कार्यक्रमों के विकास पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उद्योग-अकादमिक समुदाय की प्रेरणा के लिए इस आयोजन की सफलता की कहानी साझा करने की सलाह दी।
इस समारोह में सीआईआई के अध्यक्ष श्री एस के बेहरा ने टाटा स्टील और आईआईटी मुंबई के बीच एक बहुत ही सफल उद्योग-अकादमिक सहयोग का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि उद्योग शैक्षणिक साझेदारी से शैक्षणिक संस्थानों को उन्नत अनुसंधान और विकास, नौकरी के लिए तत्परता और नए स्टार्ट-अप के मामले में लाभ हो सकता है।
आज कॉन्क्लेव के पहले दिन विभिन्न तकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
एनआईटी जमशेदपुर ने आईआईटी जोधपुर और आरवीएससीईटी जमशेदपुर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। जीएएल इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन, लक्ष्मी एसोसिएट्स, ग्रीनको ग्रुप, ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड और केनरा बैंक जैसे विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
श्री इंद्रजीत यादव, एमएसएमई रांची ने एमएसएमई और शैक्षणिक सहयोग पर व्याख्यान दिया। “स्थायी ऊर्जा भविष्य के लिए ग्रिड के साथ नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण” विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। आज के कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुआ। इस सम्मेलन के माननीय वरिष्ठ सलाहकार डा. सुवोकमल दत्ता एम डी एस इंडो केन ओटावा कनाडा है।
इस सम्मेलन के आयोजन में सचिव प्रो. अमरेश कुमार, प्रो. एम.के. सिन्हा के साथ-साथ कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, समन्वयक डॉ. कनिका प्रसाद, डॉ. अशोक मंडल, मिडिया प्रभारी सुनील कुमार भगत और डॉ. ओम हरि गुप्ता ने सक्रिय रूप से इस कार्यक्रम में भागिदारी किया।