भारत में प्रभावशाली व्यक्तियों की संख्या कम नहीं है। हर भारतीय अपनी अलग ही पहचान रखता है। यहाँ जन्म लेने वाला हर शख्स कीमती और प्रभावशाली होता है। और इसका उदाहरण दुनिया ने देखा है। भले ही कुछ लोग मापदंड के आधार पर लोगों को प्रभावशाली बनाते हो, किन्तु भारतीयों की बात ही अलग है.
TIME ने साल 2020 का पर्सन ऑफ़ द इयर की वोटिंग स्टार्ट कर दी है. इसलिए इस वोट में जरूर शामिल हो और अपने पसंदीदा प्रभावशाली व्यक्तियों को वोट जरूर करें।
वर्ष 1923 से यह पत्रिका विवादों और बहसों के बीच अपना स्थान बनाए हुए है। दुनिया में लगभग 2 करोड़ से भी ज्यादा लोग इसका प्रयोग करते है।
इस साल TIME के पर्सन ऑफ द ईयर की घोषणा दिसंबर में की जाएगी।
पिछले कुछ वर्षो की पर्सन ऑफ द ईयर धारकों की सूची निम्नलिखित है –
2019 – ग्रेटा थुनबर्ग
2018 – द गार्जियन
2017 – द साइलेंस ब्रेकर्स
2016 – डोनाल्ड ट्रम्प
2015 – एंजेला मर्केल
2014 – द इबोला फाइटर्स
2013 – पोप फ्रांसिस
2012 – बराक ओबामा
2011 – द प्रोटेक्टर
2010 – मार्क जुकरबर्ग
2009 – बेन बर्नानके
2008 – बराक ओबामा
2007 – व्लादिमीर पुतिन
2001 – रूडी गिउलिआनी
1991 – टेड टर्नर
TIME ने 23 सितंबर, 2020 को 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की थी। इस सूची में कलाकार, नेता, बिजनेसमैन, आइकन और टाइटन्स शामिल हैं, जिनका 2020 में सबसे अधिक प्रभाव था। टाइम ने विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में पांच भारतीय को भी शामिल किया था ।
आइये उन पांच शख्सियतों के बारे में हम थोड़ी सी नजर डालते है-
सूची में पांचवा नाम है – प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता।
प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता ने 1990 के दशक के अंत में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मेडिकल की डिग्री प्राप्त की। उनके कार्य की दक्षता के आधार पर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने 2019 में कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेरैपीटिकल इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर के रूप में उन्हें नियुक्त किया। एचआईवी के इलाज में उनकी विशेष भूमिका रही। वे दक्षिण अफ्रीका में डरबन में अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के सदस्य भी हैं। इनका शोध वैश्विक एचआईवी दवा प्रतिरोध के जन्म पर केंद्रित है। वह अब दवा प्रतिरोध के नैदानिक अथवा महामारी विज्ञान पहलुओं पर काम करते है।
सूची में चौथा नाम है – दिल्ली के बिलकिस जी का।
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में इन्होने धरना प्रदर्शन किया था। 83 वर्ष की बूढी दादी अपनी इसी प्रभावशाली भूमिका के लिए टाइम में जगह ली।
सूची में तीसरा नाम है – सुंदर पिचाई जी का।
अब भला इन्हे कौन नहीं जानता। गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई का जन्म मदुरै में हुआ था और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर , से धातुकर्म इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। सुंदर पिचाई ने अपने काम की गुणवत्ता और शैली के आधार पर गूगल के कई भागो जैसे ड्राइव, जीमेल और मैप्स को और आगे बढ़ाया।
सूची में दूसरा और प्रभावशाली नाम है – बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना।
साल 2012 में इन्होने विक्की डोनर नाम के फिल्म के साथ अपनी फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की थी। अपनी मेहनत और प्रतिभा के आधार पर उन्होंने यह खाश जगह हासिल की। 37 वर्षीय खुराना ने दम लगा के हईशा, बदन हो, पैराग्राफ 15, बरेली की बर्फी, शुभ मंगल सावधान, ड्रीम गर्ल और बाला जैसी फिल्मों में अभिनय किया है।
सूची में पहला दर्जा भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को दिया गया है।
इस सूची में जगह बनाने वाले वे एकमात्र भारतीय नेता थे। सूची में नामित अन्य प्रसिद्ध विश्व नेताओं में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, यूएस 2020 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, ब्राजील के राष्ट्रपति ज़ैरे बोल्सोनारो और डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टोंस गिन्नियार हुह शामिल हैं।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का वैश्विक प्रभाव का लोहा आज दुनिया मानती भी है और जानती भी है।