Connect with us

TNF News

शहीदों की वीरता और माताओं के बलिदान की कहानी: कारगिल युद्ध और सीमा पर सैनिकों की संघर्ष।

Published

on

कारगिल

जमशेदपुर : जागता सीमा पर कोईतब सोते हैं हम ,ये सच्चाई है कि जब हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं तो जाड़ा गर्मी बरसात के कड़कती जाड़ा में फिसलते बर्फ के चट्टान पर अपने पीठ पर गोली की झोली और कन्धे पर बंदुक लेकर जागते हुए देश‌ तथा देशवासियों को।

कारगिल

प्रहरी बनकर रक्षा करते हैं। रक्षा करते करते शत्रुयो की गोली खाकर शहीद हो जाते हैं लेकिन राष्ट्र हित में मरने की परवाह नहीं करते।किस विषम परिस्थिति में हमारे सैनिकों ने कारगिल युद्ध को जीता था इतिहास हमेशा साक्षी रहेगा शहीद कभी मरते नहीं उनके अदम्य साहस और बलिदान को वर्णन करते उस मां के देश प्रेम का जिक्र किया है जिसका पति नेफा लद्दाख में शहीद हो गया है।

यह भी पढ़े :कारगिल विजय दिवस रजत जयंती :527 शहीदों को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर ने किया नमन।

बड़ा बेटा कारगिल के युद्ध में शहीद हो गया है वह जानती है कि सीमा की लडाई ज़िन्दगी और मौत की लडाई है फिर भी अपने छोटे बेटे को तिलक लगाकर सीमा पर भेजती है और कहती हैं खून का बदला खून से लेना भारत माता का जलता चिराग कभी बुझने मत देना इस गीत को सिंह फिल्म प्रोडक्शन के प्रोपराइटर शिव पुजन सिंह ने लिखा है और ज्योत पांडेय ने इस गीत को गाई है जो अभियंता के साथ साथ जमशेदपुर की उभरती गायिका और और अभिनेत्री हैं,शिव पुजन सिंह।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *