जमशेदपुर : टाटा स्टील की सुकिंदा क्रोमाइट खदान को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) आईटीसी सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स 2023 में जैव विविधता प्रबंधन में उत्कृष्टता” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार टाटा स्टील के खनन कार्यों के आसपास जैव विविधता संरक्षण में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए दिया गया है।
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पुरस्कार समारोह:
- स्थान: ताज महल होटल, नई दिल्ली
- दिनांक: 19 मार्च, 2024
- पुरस्कार प्रदान करने वाले: संजीव पुरी, आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक और सीआईआई के प्रेसिडेंट डेसिग्नेट
- पुरस्कार प्राप्तकर्ता: देवराज तिवारी, हेड (माइनिंग), सुकिंदा क्रोमाइट माइन
टाटा स्टील की प्रतिक्रिया:
- पंकज सतीजा, एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (एफएएमडी): “यह पुरस्कार टाटा स्टील के जैव विविधता संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम इस पुरस्कार के लिए जूरी सदस्यों का धन्यवाद करते हैं और भविष्य में भी इस दिशा में काम करते रहेंगे।”
पुरस्कार के लिए योगदान:
- सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम:
- प्रजातीय खाद्योत्सव (प्रामाणिक आदिवासी भोजन और संस्कृति उत्सव)
- ग्रीन थेरेपी (नृवंशविज्ञान ज्ञान साझा करने का उत्सव)
- जैबकला विविधता (कला के माध्यम से जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम)
- सरजोम बा (आदिवासी संगीत उत्सव)
- स्थानीय रेशमकीट प्रजातियों सुकिंदा इकोरेस के लिए संरक्षण उपाय
- बटरफ्लाई गार्डन
- मेडिसिनल पार्क
टाटा स्टील का समग्र दृष्टिकोण:
- जैव विविधता प्रबंधन टाटा स्टील के व्यापक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
- लक्ष्यों में शामिल हैं:
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना
- सर्कुलर इकॉनमी सिद्धांतों को बढ़ावा देना
- सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना
पुरस्कार का महत्व:
- यह पुरस्कार टाटा स्टील की जैव विविधता संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को मान्यता प्रदान करता है।
- यह कंपनी के सस्टेनेबिलिटी प्रयासों को बढ़ावा देगा।
- यह अन्य कंपनियों को जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा।
नए पहलू:
- पुरस्कार के लिए योगदान में टाटा स्टील द्वारा किए गए कुछ नए पहलुओं को शामिल किया गया है,
जैसे:
- प्रजातीय खाद्योत्सव: यह पहल आदिवासी समुदायों के बीच खाद्य विविधता और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने में मदद करती है।
- ग्रीन थेरेपी: यह पहल लोगों को प्रकृति से जुड़ने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है।
- जैबकला विविधता: यह पहल कला के माध्यम से जैव विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है।