जमशेदपुर, 14 अगस्त 2024: सबसे पहले, भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम की ओर से देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आजादी के 78 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हम अभी भी कई मायनों में गुलामी की जंजीरों में बंधे हुए हैं। इसका मुख्य कारण राजनीतिक दलों द्वारा सही दिशा-निर्देशों की कमी है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
हाल के दिनों में पूर्वी सिंहभूम के कई क्षेत्रों में शासन-प्रशासन द्वारा स्कूल वैन चालकों के खिलाफ कागजात की कमी के नाम पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हम इस कार्रवाई का विरोध करते हैं, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद स्कूल वैन चालकों के सामने जो आर्थिक संकट आया, उससे उबरने में समय लग रहा है। कई वैन चालक आर्थिक तंगी के कारण अपनी गाड़ियां बेचने को मजबूर हुए या उनकी गाड़ियां बैंकों द्वारा जप्त कर ली गईं।
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हम सरकार, शासन और प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वे इस विषय पर गंभीरता से ध्यान दें और वैन चालकों को कुछ महीनों की मोहलत दें ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ अपने वाहनों के कागजात को भी दुरुस्त कर सकें। साथ ही, हम वैन चालकों से भी अनुरोध करते हैं कि वे सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
इसके साथ ही, हम शासन-प्रशासन से यह भी मांग करते हैं कि वे अन्य वाहनों पर भी ध्यान दें, खासकर उन गाड़ियों पर जो दूसरे राज्यों से आकर यहां बिना पंजीकरण के चल रही हैं। निजी वाहनों में काले शीशे का उपयोग, राजनीतिक या प्रशासनिक पदनाम का दुरुपयोग, और बिना उचित कागजात के गाड़ियों का चलना भी गंभीर मुद्दे हैं। ऐसे वाहनों की सख्त जांच होनी चाहिए और कानून के उल्लंघन पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
शासन-प्रशासन से हमारी कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
1. स्कूल वैन, बस, और ऑटो रिक्शा में आगे-पीछे ‘स्कूल वैन’ लिखा हो और खिड़कियों में जाली लगी हो। चालक का संपर्क नंबर भी स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।
2. सभी आवश्यक कागजात, जैसे आरसी बुक, चालक का लाइसेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, और फिटनेस सर्टिफिकेट, गाड़ी में उपलब्ध होने चाहिए।
3. सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही बच्चों को गाड़ी में बैठाया जाए और गाड़ी में फर्स्ट एड बॉक्स और सीजफायर भी उपलब्ध होना चाहिए।
4. समय पर स्कूल पहुंचने के लिए गाड़ी को तेज गति से न चलाएं। अभिभावकों से 10 मिनट पहले बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचाने का प्रयास करें।
5. गाड़ी में बैठे बच्चों के माता-पिता का नंबर चालक के पास होना चाहिए।
6. छोटे बच्चों द्वारा गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि वे अक्सर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं।
7. बस पड़ाव को शहर से बाहर राजमार्ग पर स्थानांतरित किया जाए ताकि यातायात जाम की स्थिति न बने।
8. उलटी दिशा में गाड़ी चलाना और जहां-तहां गाड़ी पार्क करना भी यातायात जाम का कारण बनता है, इस पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
9. गाड़ियों में एलईडी लाइटों और साइलेंसर के दुरुपयोग से बचा जाए, क्योंकि इससे अन्य चालकों को असुविधा होती है और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।
अंत में, हम शासन-प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि स्कूल वैन चालकों के कागजात को दुरुस्त करने के लिए सरकार की ओर से छूट दी जाए और कैंप के माध्यम से उनकी मदद की जाए। इससे वे वेंडरों के चंगुल में फंसने से बच सकेंगे और उनका आर्थिक बोझ भी कम होगा।
आप सभी से इस विषय पर विचार करने का आग्रह है।