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पांच साल पहले मां ने काट दिया था बेटी का हाथ-पैर, अब आगे आई सुमिता होता फाउंडेशन

📍गोपीनाथपुर गांव की मासूम सुहानी माझी को मिला समाजसेवी सदानंद होता का सहारा
चक्रधरपुर | रिपोर्टर: जय कुमार
✨ घटना की पृष्ठभूमि
पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत गोपीनाथपुर गांव में एक विक्षिप्त मां द्वारा अपनी एक वर्षीय बेटी का हाथ और पैर काट देने की हृदयविदारक घटना को 5 साल हो चुके हैं। बच्ची अब 6 वर्ष की हो चुकी है लेकिन अभी भी सामान्य जीवन जीने में असमर्थ है।
👨👧 पिता की पीड़ा, बेटी का संघर्ष
पीड़िता सुहानी माझी के पिता भागवत माझी, दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करते हैं। बड़ी बेटी शिवानी माझी भी घर पर है। सुहानी की स्थिति अभी भी गंभीर है — वह ना ठीक से चल सकती है, ना स्कूल जा पाती है।
सामाजिक संगठन की पहल
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता बन बिहारी लोहार ने बच्ची की स्थिति की जानकारी सुमिता होता फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानंद होता को दी। इसके बाद श्री होता ने शुक्रवार को गोपीनाथपुर पहुंचकर बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की।
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क्या कहा समाजसेवी ने?
सदानंद होता ने कहा:
“घटना के समय इलाज हुआ था, लेकिन कृत्रिम हाथ-पैर नहीं लगाया गया। अब बच्ची बड़ी हो गई है, उसके लिए कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जाएंगे और उसकी पढ़ाई का पूरा जिम्मा फाउंडेशन उठाएगा।”
बच्ची के पढ़ाई के लिए एस्पायर संस्था से बातचीत चल रही है। जल्द ही दोनों बहनों का छात्रावास में नामांकन कराया जाएगा।
सरकारी लाभ से वंचित बच्ची
- दो बार प्रखंड कार्यालय में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया
- लेकिन अब तक प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा
- मौके पर उपस्थित मुखिया सेलाई मुंडा ने आश्वासन दिया कि शीघ्र प्रमाण पत्र जारी कर सहायता दिलाई जाएगी
🔎 मुख्य बिंदु:
- विक्षिप्त मां ने 5 साल पहले की थी मासूम बच्ची पर बर्बरता
- बच्ची सुहानी माझी अब भी दिव्यांग जीवन जीने को मजबूर
- समाजसेवी सदानंद होता ने बच्ची को कृत्रिम अंग और शिक्षा देने का किया वादा
- सरकारी दिव्यांग प्रमाण पत्र के अभाव में बच्ची को नहीं मिल रही मदद
- गांव वालों की मांग: बच्ची को मिले मुआवज़ा और स्थायी सहायता