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मानगो फ्लाईओवर का नक्शा बदला जाता तो 252 करोड़ का खर्च नहीं आता

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मानगो फ्लाईओवर का नक्शा बदला जाता तो 252 करोड़ का खर्च नहीं आता

स्वर्णरेखा पर सेतु निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीदः सरयू राय

जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लिट्टी चौक से एनएच 33 को जोड़ने के लिए स्वर्णरेखा नदी पर पुल और उसके बाद करीब ढाई किलोमीटर लंबे पुल पर पथ निर्माण के कार्य की तकनीकी स्वीकृति देकर पथ निर्माण विभाग के केंद्रीय निरुपण संगठन ने प्रशासनिक स्वीकृति के लिए प्रस्ताव विभागीय सचिव को भेज दिया है। उम्मीद है, लोस चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाएगी। निविदा प्रकाशन के उपरांत कार्य आरंभ होने की संभावना बढ़ गई है।

श्री राय ने कहा कि लिट्टी चौक से स्वर्णरेखा नदी तक उप पथ निर्माण, स्वर्णरेखा नदी पर पुल और उसके बाद भिलाईपहाड़ी (एनएच-33) तक सड़क निर्माण होने तक कुल 77 करोड़, 77 लाख, 43 हजार 700 रुपये का व्यय होगा। व्यय विवरण संलग्न है। उल्लेखनीय है कि इस पुल और पथ के निर्माण पर भी करीब 170 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला था परंतु मेरे हस्तक्षेप के बाद यह घट कर मात्र 77 करोड़ रह गया। कारण यह था कि स्वर्णरेखा नदी से भिलाईपहाड़ी एनएच 33 तक टाटा स्टील लिमिटेड ने जो जमीन खरीद रखी थी, उसके उपयोग के लिए कंपनी ने एनओसी दे दिया और परियोजना में जमीन अधिग्रहण के ऊपर होने वाला व्यय काफी घट गया।

श्री राय ने कहा कि यह पुल और सड़क बन जाने से मानगो पर से ट्रैफिक का दबाव घट जाएगा। मानगो होकर आने वाले भारी वाहन सीधे एनएच होते हुए लिट्टी चौक आ जाएंगे। मैंने पहले भी कहा था कि मानगो फ्लाईओवर का डिजाइन सरकार को बदलना चाहिए, क्योंकि लिट्टी चौक-भिलाईपहाड़ी पुल एवं पथ निर्माण से मानगो तक यातायात का दबाव घट जाएगा।

उन्होंने कहा कि एक ओर लिट्टी चौक-भिलाई पहाड़ी पथ निर्माण पर मात्र 77.77 करोड़ खर्च हो रहे हैं तो दूसरी ओर मानगो फ्लाईओवर बनाने पर 252 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। यह आश्चर्यजनक है। इसके स्थान पर काफी कम खर्च में भुईय़ांडीह से टिनकेन गोलचक्कर के ऊपर होकर टाटा स्टील के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक या नागा बाबा मंदिर तक फ्लाईओवर बनता तो मानगो की यातायात समस्या का समाधान काफी कम खर्चे में हो जाता।

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