जमशेदपुर | झारखण्ड
एलबीएसएम महाविधालय के वर्चुअल क्लास रूम में द कल्चरल क्लब ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ़ इंग्लिश के द्वारा वाद -विवाद प्रतियोगिता( वर्तमान में सोशल मीडिया के वरदान और अभिशाप)और भाषण प्रतियोगिता (1. आज के समय में रामायण की प्रासंगिकता, 2. आज के समय में महाभारत का महत्व, तथा 3. कालीदास द्वारा रचित अभिज्ञानशकुंतलम) का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम महाविधालय के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार झा, कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ. बी. के. सिंह, कोल्हान विश्वविद्यालय के सी. वी. सी. डॉ. संजीव आनंद, कोल्हान विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार तथा संयोजक डॉ.मौसमी पाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की। प्राचार्य ने सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर किया।
प्राचार्य ने कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ. बी. के. सिंह को पचासवीं बार प्लेटलेट्स डोनेट करने के लिए सम्मानित भी किया। वहीं प्राचार्य डॉक्टर अशोक कुमार झा ने अंग्रेजी विभाग को कल्चरल क्लब, इको क्लब और इंग्लिश लिटरेरी क्लब के निर्माण करने एवं उसके माध्यम से प्रोग्राम करवाने हेतु बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंग्रेजी विभाग ने एक मिसाल स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि कल्चरल क्लब ने सभी बच्चों को एक मंच दिया है इसके माध्यम से बच्चों के द्वारा ही बच्चों का कार्यक्रम किया जाएगा जिससे कि उनकी तार्किक क्षमता , समस्या समाधान करने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी।
बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु प्राचार्य ने कहा कि डिबेट के दो पक्ष पहला पक्ष प्रो में बोलना और दूसरा विरोध में। विरोध के लिए भी शब्दों की आवश्यकता पड़ती है और वह भी कन्विंसिंग रूप से तथा साथ ही इसके लिए प्रतियोगी को मानसिक श्रम तथा शब्दों का संयोजन वाणी में चमत्कार शब्दों में प्रतिरोध करने की क्षमता जैसे कला से निपुण होना होगा तभी वह सार्थक रूप से विरोध में अपनी बात कह सकेगा। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सुभकमनाएं दी। वहीं मुख्य अतिथि डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि रामायणा…रामायण है और महाभारता… महाभारत है। अपनी विरासत और समृद्ध संस्कृति को जानना हमारी परंपरा और संस्कृति है। सांस्कृतिक क्लब के विद्यार्थियों द्वारा आज का आयोजन बहुत ही सराहनीय है।
कोल्हान विश्वविद्यालय के सी. वी .सी .डॉ. संजीव आनंद ने कहा कि महाविद्यालय के द्वारा इस तरह के प्रयास से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिंदगी एक खेल है यदि तुम इसे खिलाड़ी की तरह खेलते हो तो जीत सकते हो और यदि सिर्फ दर्शक की तरह देखते हो तो सिर्फ ताली बजा सकते हो, जीत नहीं सकते हो इसलिए सभीय तरह की प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट करो। अंत में निर्णायक मंडल के डॉ. संजीव आनंद,।डॉ.डी. के. मित्रा और प्रो. पुरषोत्तम प्रसाद ने वाद विवाद के विजेता के रुप में लीसा और सोमा के ग्रुप को विजेता घोषित किया ।वहीं साहिल और भूमि के ग्रुप उपविजेता घोषित किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम दीपाली पात्रों को,द्वितीय लीसा सेन तथा तृतीय खुशबू बेहरा को पुरुस्कृत किया गया।
कल्चरल क्लब की सदस्य रायबंकिरा ने मंच का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन खुशबू बेहरा ने किया। मौके पर डॉ. दीपंजय श्रीवास्तव, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. सन्तोष राम, डॉ. विनय गुप्ता, डॉ. विजय प्रकाश, प्रमिला किस्कू, ममता मिश्रा और बडी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।