जमशेदपुर | झारखण्ड
जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने मॉल, होटल, रेस्टॉरेन्ट, कैटरिंग क्षेत्र में कार्यरत संस्था/ प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
जमशेदपुर शहर के 5 बड़े मॉल में विश्वकर्मा गैलरी बनाने पर हुई चर्चा
स्थानीय शिल्पकला, ग्रामीण स्तर पर उत्पादित/ निर्मित वस्तुओं को बाजार देने का प्रयास
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जमशेदपुर अक्षेस के सभागार में जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा जिले के मॉल, होटल, रेस्टॉरेन्ट, कैटरिंग क्षेत्र में कार्यरत संस्था/ प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नगर निकायों के DAY-NULM की दीदियों तथा JSLPS की महिला मंडल की सखी दीदियों द्वारा निर्मित/ उत्पादित वस्तुओं को क्रय किए जाने तथा स्थानीय शिल्पकारों के उत्थान की दिशा में आवश्यक पहल किए जाने पर चर्चा की गई।
वोकल फॉर लोकल समय की मांग, जिले की सामाजिक-आर्थिक उन्नति में करें सहयोग
स्वयं सहायता समूह की सखी दीदियों द्वारा निर्मित पेपर बैग, जूट बैग, खाद्य सामग्री व अन्य उत्पाद को हमें मिलकर आम जनता तक पहुंचाना होगा ताकि उन्हें भी रोजगार का उचित अवसर मिल सके, आमदनी में बढ़ोतरी हो पाए… ये बातें जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त ने अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की जितनी भी सखी दीदियां है स्वरोगजार के लिए कोई न कोई कार्य से जुड़ी हैं, हुनरमंद भी है, जरूरत है उन्हें एक मंच प्रदान करने की जिसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जिले के व्यवसायी वर्ग की भी महती भूमिका होगी । उन्होंने सभी शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट आदि के संचालक व प्रतिनिधि से कहा कि लोकल प्रोडक्ट्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग को प्राथमिकता दी जाए। एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों के सशक्तिकरण के लिए उनके द्वारा निर्मित पेपर बैग,जूट बैग, थैली व इस तरह के विभिन्न सामग्री को व्यावसायिक संस्थानों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों में शामिल किया जाए।
जिले की शिल्पकलाओं को मिले पहचान, मिलकर करें काम
जिले के हुनरमंद शिल्पकारों द्वारा वाद्ययंत्र निर्माण में निपुणता हो या डोकरा, पायटकर, छऊ जैसी पारंपरिक नृत्य कला को संरक्षित करना, उनके एकल प्रयास कलाओं को संरक्षित करने में नाकाफी होंगे। उन्होंने इन दुर्लभ कलाओं को बचाने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों को आगे आकर अपने समाजिक दायित्व को निभाने की बात कही। इसके यथोचित प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा गैलरी का अधिष्ठापन शहर के 5 प्रमुख मॉल में शुरूआती तौर पर किया जाए। इन विश्वकर्मा गैलेरी में शिल्पकलाओं तथा सखी दीदियों द्वारा निर्मित/ उत्पादित दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की बिक्री के लिए जगह उपलब्ध कराते हुए रोजगार के अवसर से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह हम सभी मिलकर अपने सामूहिक दायित्व को निभाते हुए ही हम अपने सांस्कृतिक धरोहर को बचा सकते हैं।
नक्शा विचलन गैरकानूनी, प्रशासन का सहयोग करें
शहर को साफ-स्वच्छ तथा व्यवस्थित रखने में नागरिकों की विशेष भूमिका होती है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा मौजूद प्रतिष्ठान के संचालक व प्रतिनिधियों से स्वीकृत नक्शे के अनुरूप ही निर्माण कार्य करने की बात कही गई तथा यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि निर्माण में किसी तरह का भी विचलन नहीं हो। उन्होंने कहा नक्शा में विचलन किए जाने से विद्युत, जलजमाव, अतिक्रमण जैसी बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जो कि एक बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकती है। अतः सुरक्षा का खास ख्याल रखते हुए सुनिश्चित किया जाए कि सभी निर्माण नियमों और निर्धारित नक्शे के अनुरूप हो और किसी तरह की भी उसमें त्रुटि होती है तो उसे जल्द दूर करने का निर्देश दिया।
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा इस मौके पर डे एनयूएलएम की सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शित कपड़े का थैला, कागज का बैग, थैला, जूट बैग आदि के स्टॉल का अवलोकन कर उनकी हौसलाअफजाई की गई। तथा उन्हें भी बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद बनाने का निर्देश दिया गया । साथ ही प्रयोग के तौर पर फिलहाल 50 प्रतिष्ठानों से उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बैग की सूची मांगी गई ताकि कार्ययोजना बनाते हुए सखी दीदियों द्वारा वैसे उत्पाद को तैयार कराया जा सके।