Connect with us

झारखंड

कांग्रेस नेता ने नींबू-मिर्ची लगा उड़ाया राफेल का मजाक, ये सेना का अपमान – वरुण कुमार

Published

on

THE NEWS FRAME

🛑 राफेल पर नींबू-मिर्ची वाला तंज: सेना का अपमान या सरकार की आलोचना?

✍️ अजय राय की टिप्पणी पर गरमाई सियासत, पूर्व सैनिकों ने जताई आपत्ति

🔴 विशेष रिपोर्ट | जमशेदपुर

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय द्वारा राफेल लड़ाकू विमान के प्रतीकात्मक चित्रण के जरिए की गई टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। राय ने एक प्रेस वार्ता में राफेल का खिलौना मॉडल प्रदर्शित किया, जिसमें नींबू और मिर्ची लटकी हुई थी। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि “यह नींबू-मिर्च मैंने नहीं लटकाए, यह तो रक्षामंत्री ने लगाए थे जब राफेल लाए गए थे।”

🎯 ‘सरकार की आंखें खोलने की कोशिश की’ – अजय राय

अजय राय ने कहा कि यह समय देश के शहीदों को जवाब देने का है। उन्होंने कहा:

“सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है कि आतंकवाद को कुचल देंगे, लेकिन राफेल हैंगर में खड़े हैं। उनमें नींबू-मिर्ची लटकी है, और वो भी रक्षा मंत्री द्वारा। आखिर कार्रवाई कब होगी आतंकवादियों, उनके समर्थकों और सरपरस्तों के खिलाफ?”

उन्होंने यह भी कहा कि आयात-निर्यात पर लगी रोक से किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान, यह देश को बताया जाए।

Read More :  पूर्वी सिंहभूम में 4281 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले का पर्दाफाश: दो अवैध प्रज्ञा केंद्र शामिल, 682 मुस्लिम समुदाय के नाम, पांच गिरफ्तार

🛡️ पूर्व सैनिक संगठन ने जताई नाराज़गी

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, जमशेदपुर ने अजय राय की इस टिप्पणी को भारतीय सेना का अपमान बताया है। संगठन ने कहा कि:

“देश की सुरक्षा में लगे राफेल जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों का मजाक उड़ाना न केवल अनुचित है, बल्कि सेना का मनोबल गिराने जैसा कृत्य है।”

⚔️ भाजपा का तीखा हमला: ‘सेना के सम्मान से खेल’

भाजपा नेता वरुण कुमार ने कहा कि:

“अजय राय का यह व्यवहार सेना और राफेल जैसे रणनीतिक संसाधनों का उपहास है। यह देश की रक्षा नीति और सैनिकों के बलिदान का अपमान है।”

भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह बार-बार भारतीय सशस्त्र बलों पर सवाल उठाकर पड़ोसी देश को सियासी हथियार देती है।

📌 मुख्य बिंदु:

  • अजय राय ने सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए नींबू-मिर्ची के प्रतीक का प्रयोग किया।
  • राफेल जैसे सामरिक उपकरण पर तंज को भाजपा ने देशद्रोही व्यवहार करार दिया।
  • पूर्व सैनिक परिषद ने इसे सेना का अपमान बताया और निंदा की।

🔍 विश्लेषण: तंज या तिरस्कार?

राजनीतिक टिप्पणियों में प्रतीकों का प्रयोग नया नहीं है, लेकिन जब यह राष्ट्र की सामरिक क्षमता से जुड़े प्रतीकों को छूता है, तो विवाद होना स्वाभाविक है। यह घटना न केवल एक राजनैतिक बयानबाज़ी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दलगत राजनीति की सीमा क्या होनी चाहिए?

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *