झारखंड
⚖️ राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी

👉 2018 के मानहानि मामले में पेश नहीं होने पर कोर्ट की सख्ती
🟥 भाजपा नेता प्रताप महतो ने की थी शिकायत, आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप
चाईबासा (जय कुमार)। झारखंड के चाईबासा स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ गैरजमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया है। यह कार्रवाई वर्ष 2018 के एक मानहानि मामले में की गई, जिसमें राहुल गांधी के लगातार कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के कारण न्यायालय ने यह कड़ा कदम उठाया।
📌 क्या है पूरा मामला?
यह मामला 9 जुलाई 2018 को भाजपा नेता प्रताप महतो द्वारा चाईबासा कोर्ट में दायर एक मानहानि परिवाद से जुड़ा है। प्रताप महतो का आरोप है कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक मंच से भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक और मानहानिकारक टिप्पणी की थी, जिससे पार्टी की छवि को ठेस पहुंची।
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🏛️ मामले का कानूनी सफर
- यह मामला शुरू में रांची के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था।
- बाद में झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर इसे चाईबासा स्थानांतरित किया गया।
- राहुल गांधी को कई बार न्यायालय में उपस्थित होने के लिए समन भेजा गया, लेकिन वे पेश नहीं हुए।
- बार-बार अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने अब गैरजमानती वारंट जारी किया है।
🔍 अदालत का रुख सख्त
स्पेशल कोर्ट के इस निर्णय से साफ है कि कानून सभी के लिए बराबर है, चाहे वह किसी भी पद पर हो। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय की अवमानना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और सभी अभियुक्तों को समय पर पेश होना अनिवार्य है।
⚠️ राजनीतिक हलचल तेज
इस मामले में वारंट जारी होने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। जहां भाजपा नेताओं ने इसे “कानून की जीत” बताया है, वहीं कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
🔚 निष्कर्ष:
चाईबासा कोर्ट का यह कदम न सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि राहुल गांधी इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं और कोर्ट के समक्ष कब तक पेश होते हैं।