झारखंड
🚨 भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB का एक और करारा वार

🚨 Another strong attack by ACB against corruption
💰 हजारीबाग के इचाक प्रखंड में पंचायत सचिव रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
एसीबी की टीम ने ₹6000 घूस लेते पकड़ा, मनरेगा भुगतान के एवज में मांगी थी रिश्वत
📍 हजारीबाग : हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड से आज एक और रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ है। पंचायत सचिव रामेंद्र कुमार सिन्हा को झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने ₹6000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
🧾 मनरेगा के तहत TCB निर्माण में मांगी गई थी घूस
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी सचिव ने मनरेगा योजना के तहत टीसीबी निर्माण कार्य का भुगतान जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना एसीबी को दी, जिसके बाद पूर्व नियोजित जाल में पंचायत सचिव को रंगे हाथ पकड़ा गया।
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📸 गिरफ्तारी की तस्वीरें और वीडियो बन रहीं सुर्खियाँ
गिरफ्तारी के समय की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इससे आम जनता में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है। लोग प्रशासन से ऐसे घूसखोर अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
📉 भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में अब भी चुनौतियाँ
यह कोई पहला मामला नहीं है। हजारीबाग और आसपास के क्षेत्रों में हर हफ्ते-दस दिन में रिश्वतखोरी से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं। एसीबी की लगातार कार्रवाई के बावजूद भ्रष्टाचारियों में डर की भावना नहीं दिख रही है।
⚖️ आगे की कार्रवाई जारी
एसीबी ने पंचायत सचिव को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। उनके अन्य मामलों में संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जल्द ही उन्हें अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
📌 विशेष बिंदु
- रिश्वत की राशि: ₹6000
- योजना: मनरेगा (टीसीबी निर्माण)
- गिरफ्तारी: रंगे हाथ
- एजेंसी: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB)
- आरोपी पद: पंचायत सचिव, इचाक प्रखंड
🧠 निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार आज भी एक बड़ी चुनौती है। एसीबी जैसी संस्थाएं लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन स्थायी सुधार के लिए जन-जागरूकता, पारदर्शिता और त्वरित न्याय व्यवस्था की आवश्यकता है।