राजनीतिक दलों को भी देश के संविधान की भाँति ही अपनी पार्टी के संविधान का पुरी निष्ठा से पालन करना चाहिए।
– श्री सरयू राय (विधायक पूर्वी जमशेदपुर)
Jamshedpur : बृहस्पतिवार 27 जनवरी, 2022
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बारिडीह स्थित विधानसभा कार्यालय से झंडोत्तोलन किया। श्री राय के साथ भाजमो जमशेदपुर महानगर के तमाम कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने राष्ट्र ध्वज को सलामी दी और राष्ट्रगान गाया।
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर श्री राय ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की आज से 72 वर्ष पूर्व गणतंत्र की घोषणा हुई थी और देश का संविधान का निर्माण किया गया था। संविधान सभा के अध्यक्ष डाँ राजेंद्र प्रसाद थे और डाँ बाबा भीम राव अंबेडकर संविधान बनाने की प्रारूप समिति में थे। बाबा साहेब अंबेडकर ने दुनियाभर के संविधानों का भलीभांति अध्ययन करने के उपरांत भारत के संविधान की रचना की थी। संविधान में ऐसी कंडिकाएं शामील की गई जिससे समय समय पर संविधान में आवश्यक संशोधन किए जा सकें।
आजाद भारत के विकास की रूपरेखा संविधान में तय की गई। संविधान लचीला था और जनता के हितों की रक्षा करने वाला था, समाजिक और शैक्षणिक रूप से जो पिछड़े रह गए उन्हें आगे लाने वाला था। हम एक राजनीतिक दल रूप में संगठित होकर कार्य कर रहे हैं। इसका प्रावधान भी संविधान में ही है। संविधान नें ही भारत का चुनाव आयोग बनाया है। कोई भी व्यक्ती यह समुह चाहे तो एक राजनीतिक के रूप में पंजीकृत हो सकता है और एक संगठन का निर्माण कर सकता है। हमें यह देखना है की हमारा देश और समाज किस ओर जा रहा है क्या वह संविधान के अनुरूप है की नहीं है। राजनीतिक दल क्या संविधान के प्रावधानों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं।
जब भी चुनाव आता है दल बदल प्रारंभ हो जाता है। चुनाव में टिकट पाने की लालसा में बड़े बड़े दल के नेता एक दल से दुसरे दल में शामिल हो जाते हैं। दुसरे दल से आकर सीधा टिकट के हकदार बना दिए जाते हैं। राजनीतिक दल में हजारों कार्यकर्ता है, समुह है, उन सभी के सपनों पर पानी फेर दिया जाता है।
श्री राय ने कहा की उन्होंने पूर्व के कार्यकाल में चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को एक सुझाव दिया था की एक परिवर्तन करे चुनाव के नियमो में और सरकार संसद में लेजा कर एक कानून बना दे। जो पार्टियाँ है, पंजीकृत हो गई है और अपना संविधान बनाया है। वे संविधान के अनुसार उनके जो सक्रीय सदस्य उनकी सूची हर साल 31 मार्च को चुनाव आयोग को दे दें।
इस साल कितने सदस्य है, कितने घटे कितने बढ़े एक आंकलन हो जाएगा और जब चुनाव आए तो कम से कम दो वर्ष तक जो सक्रीय सदस्य रहा है उसी में से किसी को टिकट दिया जाना चाहिए तो दल बदल की सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। दल चाहे जिसे भी चुनाव का टिकट दे वे दो साल पहले ही उस व्यक्ति को सक्रीय सदस्य बनाएंगे। यह हो जाता है तो पार्टियों में अनुशासन होगा और कार्यकर्ताओं का महत्व भी बढ़ जाएगा। यह भी निश्चित होगा की पार्टी का कोई कार्यकर्ता ही चुनाव लड़ेगा।
अगर किसी को लगता है की चुनाव के ऐन वक्त पर पार्टी हमें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दे रही है तो आप निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। पार्टियाँ भी अपना संविधान भारत के संविधान की भाँति ही पवित्र मानकर चलाए और सक्रीय सदस्य की सूची हर वर्ष चुनाव आयोग को सौंपे। श्री राय ने कहा उनके इस सुझाव को चुनाव आयोग से नहीं माना और विचार लायक नहीं समझा लेकिन हमलोग फीर से इस सुझाव पर काम करेंगे, इस दिशा में एक अभियान का आगाज करेंगे।
पार्टियों को अपने संविधान का पालन करना चाहिए अगर कोई प्रावधान कठीन लगता है तो उसमें परिवर्तन करना चाहिए लेकिन जिस प्रकार देश संविधान से चलता है उसी प्रकार राजनीतिक दल भी अपने संविधान के हिसाब से चले तो देश में एक अच्छी और स्वच्छ राजनीत हो सकती है और वैसे लोगों को लेकर हम राजनीति कर सकते हैं जो नीती, सिद्धांत के साथ करने की इच्छुक हों।
झंडोत्तोलन कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजमो केंद्रीय, जिला पदाधिकारी एवं तमाम कार्यकर्ता सहित अन्य उपस्थित थे।