सूफी खानकाह एसोसिएशन के अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी |
Crime डायरी : सूफी खानकाह एसोसिएशन के अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने गुजरात पुलिस द्वारा मुफ्ती सलमान अज़हरी की गिरफ्तारी को सही बताया और इसकी सराहना की। गुजरात पुलिस के अनुसार अज़हरी भड़काऊ भाषण के लिए दोषी पाया गया है।
इस मामले पर मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने गहरी चिंता जताई और कहा कि अज़हरी तब्लीगी जमात की तर्ज पर काम कर रहा है और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने आगे बताया की सलमान अज़हरी पर “गज़वा-ए-हिंद” (भारत को इस्लामी राष्ट्र और सभी लोगों को मुस्लिम बनाना) के साथ गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है, जिसकी सूफी खानकाह एसोसिएशन ने लगातार निंदा की है।
मुफ्ती सलमान अज़हरी |
“गज़वा-ए-हिंद”! सांप्रदायिक तनाव भड़काने और मुस्लिम युवाओं के बीच धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने में शामिल है – सलमान
मजीदी ने बताते हुए यह आरोप भी लगाया है कि वह मुस्लिम ब्रदरहुड की आतंकी विचारधारा से जुड़ा हुआ है और वह मिस्र में से शिक्षा प्राप्त की है। मजीदी ने अज़हरी पर ग़ज़वा – ए – हिंद परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए भारत में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास जैसी प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य रखने का भी आरोप लगाया। उन्होंने यह भी बताया कि दंगे भड़काने के आरोप में अज़हरी के खिलाफ पहले से ही कर्नाटक राज्य के हुबली और धारवाड़ में कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने एसोसिएशन की ओर से गुजरात के गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और डीजीपी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें सलमान अज़हरी की हिरासत की मांग की गई थी। उन्होंने सलमान अज़हरी के पाकिस्तान के आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों की जांच की भी मांग की है। साथ ही सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भारत सरकार से देश में अशांति को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह भी किया है।
‘कर्बला की अंतिम लड़ाई अभी बाकी है। एक पल की ख़ामोशी है, फिर शोर आएगा। आज कुत्तों (हिन्दुओं) का वक़्त है, हमारा दौर आएगा।’
बता दें कि, 31 जनवरी को गुजरात के जूनागढ़ शहर में अपने 56 मिनट लंबे भाषण के दौरान मुफ्ती सलमान अज़हरी ने हिंदू समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बातें कही थी जो की सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस विवादास्पद वीडियो में यह कहते हुए सुना गया की ‘कर्बला की अंतिम लड़ाई अभी बाकी है। एक पल की ख़ामोशी है, फिर शोर आएगा। आज कुत्तों (हिन्दुओं) का वक़्त है, हमारा दौर आएगा।’
हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान में उसने कहा
हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के बाद वहां मौजूद उनके समर्थकों ने खूब तालियां पीटी, और एक सुर में ‘लब्बेक और रसूलुल्लाह’ चिल्लाया। सलमान अज़हरी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के की कानूनी प्रक्रिया पर भी आरोप लगाया।
उसने कहा था कि, “अगर आप मस्जिद के अंदर मूर्तियां रखते हैं, तो यह मूर्ति-पूजा स्थल नहीं बन जाएगा।”
अज़हरी ने गैर-मुसलमानों और बुतपरस्तों की धार्मिक संरचनाओं पर कब्ज़ा करने की इस्लामी आक्रमणकारियों की प्रवृत्ति का बचाव करते हुए कहा कि, “आपने (राम मंदिर में) एक मूर्ति रखी है, लेकिन काबा में 360 मूर्तियाँ थीं। फिर भी काबा मुसलमानों का था। इससे हज की इस्लामी यात्रा नहीं रुकी।”
“मुसलमानों, क्रांति आपके घरों से शुरू होगी। वे आपकी मस्जिदों को मूर्ति-पूजा स्थलों में बदलने की हिम्मत नहीं रखते हैं। आपने खुद ही मस्जिदों को छोड़ दिया है।”
उसने हिंदुओं को ‘कुत्ते’ कहकर संबोधित करते हुए जोर देकर कहा, ”हमारे यहां एक कहावत है, जब जमीन खुली छोड़ दी जाती है तो कुत्ते उस जगह पर कब्जा कर लेते हैं। लेकिन अगर आप जमीन का उपयोग करना जारी रखेंगे, तो वे कुत्तों के लिए आश्रय स्थल नहीं बनेंगे।”
उसके इस भड़काऊ बयानों के बाद एफआईआर दर्ज की गई और 4 फरवरी को गुजरात पुलिस की एक टीम ने मुंबई पहुंच कर सलमान अज़हरी को गिरफ्तार किया।
देश में मुस्लिम समुदाय ने अज़हरी के समर्थन में नारे लगाए
देश के कुछ मुस्लिम समुदाय के नेतागण एवं ‘पत्रकार’ सोशल मीडिया पर अज़हरी का बचाव करने आए और उनकी तत्काल रिहाई की मांग भी की है। वहीँ इस्लामवादी भी घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्र हुए और सलमान अज़हरी को रिहा करने के लिए पुलिस को डराने-धमकाने की भी कोशिश की।
जमशेदपुर शहर से सटे सरायकेला खरसावां जिले के कपाली क्षेत्र में भी मुस्लिम समुदाय ने सलमान अज़हरी के समर्थन में नारे लगाए और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल का पुतला जलाया।