झारखंड
🚨 नाइजर में झारखंड के 5 प्रवासी मजदूरों का अपहरण, परिजनों ने केंद्र सरकार से लगाई मदद की गुहार

📍 स्थान: नाइजर (पश्चिमी अफ्रीका) | संबंध: गिरिडीह, झारखंड
✨ मुख्य बिंदु:
- नाइजर में कार्यरत झारखंड के पांच मजदूरों का अपहरण
- सभी मजदूर कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी में कर रहे थे कार्य
- गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं सभी अगवा मजदूर
- परिजनों में मचा हाहाकार, केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
- समाजसेवी सिकंदर अली ने मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए उठाई आवाज
घटना का विस्तृत विवरण:
पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले पांच प्रवासी मजदूरों का वहां अगवा कर लिया गया है।
अगवा किए गए मजदूरों की पहचान इस प्रकार हुई है:
- संजय महतो (दोंदलो पंचायत)
- फलजित महतो (दोंदलो पंचायत)
- राजू महतो (दोंदलो पंचायत)
- चंद्रिका महतो (दोंदलो पंचायत)
- उत्तम महतो (मुंडरो पंचायत)
ये सभी मजदूर नाइजर में कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर के समय इन मजदूरों का अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया।
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📢 परिजनों और समाजसेवियों की प्रतिक्रिया:
अगवा मजदूरों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके प्रियजनों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए।
वहीं प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली ने इस घटना को गंभीर बताते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा:
“सरकार को तुरंत उच्चस्तरीय पहल करनी चाहिए ताकि हमारे मजदूर भाई सुरक्षित घर लौट सकें। विदेश मंत्रालय को इस मामले में तुरंत कदम उठाना चाहिए।“
🛂 केंद्र और राज्य सरकार से अपील:
घटना की गंभीरता को देखते हुए परिजनों और स्थानीय सामाजिक संगठनों ने केंद्र सरकार, झारखंड सरकार और विदेश मंत्रालय से आग्रह किया है कि वे नाइजर सरकार से समन्वय स्थापित कर शीघ्र ही मजदूरों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें।
साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने की भी मांग उठ रही है।
📌 निष्कर्ष:
विदेश में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीब मजदूरों के लिए यह घटना किसी त्रासदी से कम नहीं है। अब पूरा देश इन पांचों श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार की ओर देख रहा है। देखना होगा कि केंद्र सरकार कितनी तेजी और गंभीरता से इस मामले में कार्रवाई करती है।