जमशेदपुर । झारखण्ड
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के सदस्य रहे ब्योवृद्ध वायु सैनिक कॉर्पोरल बलवंत सिंह नही रहे… टाटा मुख्य अस्पताल में इलाज के दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। बलवंत सिंह की उम्र 96 बर्ष थी। सन 1947 में वायु सेना में भर्ती एवं 1969 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत हुवे थे। और सेवानिवृति के बाद जुगसलाई के गौरी शंकर रोड में रहते थे।इसके निधन की सूचना ई सी एच एस में कार्यरत दीपक शर्मा ने सुशील कुमार सिंह को दी और आनन फ़ानन में उनके सैनिक सम्मान यात्रा की तैयारी शुरू हो गयी।
स्थानीय युनिट के साथ साथ कोल्हान के सैनिक कल्याण पदाधिकारी कर्नल किशोर सिंह को संपर्क कर जनाकारी साझा किया गया और उनके आदेशानुसार राज्य सैनिक निदेशक ब्रिगेडियर निरंजन कुमार के प्रतिनिधि के रूप परिषद के पुर्व प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार सिंह जिला सचिव दिनेश सिंह वरिष्ठ सदस्य सतनाम सिंह सार्जेंट कुंदन सिंह विद्यानंद गिरी सतेंद्र सिंह दीपक शर्मा शामिल हुवे।स्थानीय युनिट के कमांडिंग ऑफिसर के प्रतिनिधि के तौर पर नायब सूबेदार फतेह बहादुर एवं उनके सहयोगी के रूप में पाँच और सैनिक साथी शामिल थे।
सबसे पहले उनके आवास पर परिवार एवं सिख समाज के लोगों ने अपने रीतिरिवाज से सम्मान उनके पार्थिव शरीर को सजाया जिसपर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के पदाधिकारीयों ने राष्ट्रीय ध्वज ओढ़ाया।घर से उनके पार्थिव शरीर को गौरीशंकर गुरुद्वारा लाया गया वहाँ प्रार्थना के बाद काफ़िला तिरंगा ध्वज लहराते हुवे बिस्टुपुर स्थित पार्वती घाट पहुँचा। रास्ते में भारतीय सेना जिंदाबाद एवं भारत माता की जय के जयकारे लगे। पार्वती घाट में पुर्व सैनिकों के पदाधिकारियों एवं सेना की तरफ से पुष्पचक्र देकर अंतिम विदाई दी गई और तिरंगा ध्वज उनके दोनों पुत्रों को सौंपा गया। जिसे उनके बेटे ने गर्व से अपने माथे पर रखा और भविष्य में हमेशा इस राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने का संकल्प लिया।अंतिम अरदास के बाद उन्हें विद्युत शवदाह गृह में बिना किसी विलम्ब का सुपुर्द किया गया।
परिवार के लोगों ने सेना एवं पुर्व सैनिकों का आभार ब्यक्त करते हुवे कहा कि आज अयोध्या के श्रीराम मंदिर में राम की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने के बावजूद लोगों का इस सैनिक सम्मान में शामिल होना अपने सैनिक साथी के प्रति अटूट प्रेम स्नेह और समर्पण का बोध कराता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में परिवार के साथ साथ समाज सेवी सरदार शैलेन्द्र सिंह, कई सौ सिख समाज के लोग, सुशील कुमार सिंह, सतनाम सिंह, दिनेश सिंह, कुंदन सिंह, सतेंद्र सिंह, बिद्यानंद गिरी, दीपक शर्मा आदि शामिल थे।