जमशेदपुर | झारखण्ड
1932 विरोधी मंच सदैव झारखंड के विकास व उसके संस्कृति की रक्षा की बात करता है। आम जनमानस को ज्ञात हो कि झारखंड हाई कोर्ट के तरफ से झारखंड सरकार को शक्ति दे दी गई है कि बांग्लादेशी लोगों की पहचान करें और उनको यहां से बाहर भेजें। झारखण्ड के कई जिलों में झारखंड की बेटियों को लव जिहाद में फंसा कर बांग्लादेशी घुसपैठिये कितने ही जिलों की डेमोग्राफि बदलने की कोशिश में लगे हुये हैं, पिछले 5 वर्षों के अंदर अचानक झारखंड के कई जिलों में अवैध मदरसों की संख्या बढ़ी है और बांग्लादेशी घुसपैठियों की भी संख्या बढ़ी है।
यह झारखण्ड के लोगों व झारखण्ड की संस्कृति के लिए बहुत बड़ा खतरा है लेकिन इस विषय पर कोई भी बात नही कर रहा और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान क्यों नही की जा रही है??? यह सवाल भी 1932 विरोधी मंच उठा रहा है। झारखंड के हित मे हर वो कदम 1932 विरोधी मंच उठाएगा जो झारखंड को व झारखंड की संस्कृति को सुरक्षित करेगा।