झारखंड
🍲 खाद्य सुरक्षा उल्लंघन पर पांच विक्रेताओं पर ₹20,000 का जुर्माना

FSSA ACT 2006 के तहत आदेश, उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम की सख्त कार्रवाई
📍 स्थान: जमशेदपुर
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जमशेदपुर में खाद्य मानकों की अनदेखी करने वाले पांच प्रतिष्ठानों पर ₹20,000 का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर के निर्देश पर की गई, जो कि FOOD SAFETY AND STANDARDS ACT 2006 के अंतर्गत की गई एक सख्त प्रशासनिक पहल है।
⚖️ दोषी पाए गए विक्रेताओं की सूची:
क्रम | विक्रेता का नाम | खाद्य का प्रकार | जुर्माना राशि |
---|---|---|---|
1 | मेसर्स श्री भाग, मनोज अग्रवाल, बिस्टुपुर | सोनपापड़ी | ₹20,000 |
2 | श्रेष्ठ फूड प्रोडक्ट्स, टेक रोड, शीतल मंदिर के पास | पताशा | ₹20,000 |
3 | न्यू गणगौर स्वीट्स, आजादनगर | खोवा-बर्फी | ₹20,000 |
4 | श्रेष्ठ फूड प्रोडक्ट्स, टेक रोड | काजू-बर्फी | ₹20,000 |
5 | मेसर्स श्री भाग, मनोज अग्रवाल, बिस्टुपुर | काजू-बर्फी | ₹20,000 |
Read More : अवैध शराब तस्करी पर उत्पाद विभाग की बड़ी कार्रवाई, लगभग ₹10 लाख की विदेशी शराब जब्त
📌 विशेष बिंदु:
- आदेश जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा अनुमोदित किया गया।
- न्याय निर्णायक अधिकारी को FOOD SAFETY ACT 2006 के तहत शक्ति प्राप्त है।
- खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में कमी पर यह सख्त कार्रवाई की गई।
- सभी विक्रेताओं को दोषी पाते हुए ₹20,000 का जुर्माना लगाया गया।
विश्लेषण:
खाद्य सुरक्षा अधिनियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने हेतु यह कदम स्वागतयोग्य है। जमशेदपुर जैसे बड़े औद्योगिक शहर में खाद्य सुरक्षा को लेकर सतर्कता आवश्यक है। सोनपापड़ी, पताशा, खोवा-बर्फी जैसे पारंपरिक मिठाइयों में मिलावट या मानकों से कम गुणवत्ता आमजन के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है। यह कार्रवाई भविष्य में अन्य विक्रेताओं के लिए भी चेतावनी का कार्य करेगी।
पूर्वी सिंहभूम प्रशासन की इस कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि अब खाद्य सामग्री में मिलावट या घटिया गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह कदम न केवल आम जनता की सुरक्षा के लिए है बल्कि खाद्य विक्रेताओं को भी चेतावनी देता है कि वे मानकों का उल्लंघन न करें।
✅ निष्कर्ष:
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, जमशेदपुर द्वारा की गई यह कार्यवाही खाद्य सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। FSSA ACT 2006 के तहत की गई इस सख्ती से खाद्य विक्रेताओं को सुधार का अवसर मिलेगा और उपभोक्ताओं को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा।