Connect with us

झारखंड

हिन्दी दिवस पर विशेष : इंटरनेट की दुनिया भी हिन्दी की कायल- श्री एल खियांग्ते , महानिदेशक, एटीआई, राँची

Published

on

THE NEWS FRAME

रांची ।  झारखण्ड 

मुख्य बिंदु :

•  श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन

•  कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा किया गया आयोजन

•  इंटरनेट की दुनिया भी हिन्दी की कायल- श्री एल खियांग्ते , महानिदेशक, एटीआई, राँची

====================

हिन्दी एक सर्वव्यापी भाषा है। दुनिया भर में हिन्दी भाषा बोलने वाले लोग मौजूद हैं। इसकी लोकप्रियता के कारण ही इंटरनेट की दुनिया में भी हिन्दी भाषा के कंटेंट बहुतायत में मौजूद है। न्यूज़ चैनल बीबीसी आदि में भी हिन्दी भाषा में खबरों का प्रसारण किया जाता है। उक़्त बातें श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक श्री एल खियाँग्ते ने गुरुवार को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में कहीं।

घर पर संवाद की भाषा हो हिन्दी

श्री खियाँग्ते ने पढ़ाई से लेकर प्रशासनिक सेवा में आने तक हिन्दी भाषा को लेकर अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी की आवश्यकता सभी जगह है। इससे बचा नहीं जा सकता। दक्षिण से लेकर उत्तर, पूरब से पश्चिम तक हिन्दी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिज़ोरम जहां से वे आते हैं, वहाँ भी अब हिन्दी सीखने के लिए स्पोकेन हिन्दी की क्लास चल रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि घर पर संवाद की भाषा हिन्दी ही रखें।

सरकार का प्रयास है कि सभी विभागों में हिन्दी भाषा में हो कार्य

इस अवसर पर कार्मिक सचिव, श्री प्रवीण टोप्पो ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि सभी सरकारी विभागों में हिन्दी भाषा में कार्य हो। उन्होंने कहा कि हिन्दी सहज भाषा है। हम जैसा हिन्दी में बोलते हैं, वैसा ही लिखते भी हैं। यह हिन्दी की अपनी विशेषता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी सर्व संपर्क की भाषा है। दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में अब हिंदी भाषा बोली और समझी भी जा रही है। विदेशों में हिन्दी स्वीकार की जा रही है। यही करण हैं की दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा हिन्दी है।

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि हिन्दी संपर्क की भाषा है, बाज़ार की भाषा है। उन्होंने हिन्दी भाषा को लेकर विस्तार से उसके विकास के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह भी हमें देखना होगा कि क्या हम हिन्दी भाषा को अपने व्यवहार, अपनी बोलचाल में ला रहे हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा से जुड़ाव की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक ज्ञान का सृजन अपनी भाषा में नहीं होगा तब तक भाषा की पहचान नहीं बन पाएगी।

इस अवसर पर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा निबंध प्रतियोगिता एवं लघु कथा प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को सम्मानित किया गया।

मौके पर श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक श्री श्रीनिवासन एवं  राँची विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।

समारोह में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *