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झारखंड

हाथी अंडरपास के पास दोनो तरफ अवैध रूप से कई जगहों पर कंपनीयों के स्लैग को खुलेआम गिरा कर अवैध रूप से चालने और अवैध रूप से क्रशर प्लांट खोल कर स्लैग को तोड़ने और चालने का कार्य किया जा रहा है – जन सत्याग्रह

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

सामाजिक संस्था ने लिखा उपयुक्त को पत्र 

सेवा में,

संपादक महोदय,

सामाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा आज दिनांक:- 30.01.2024 को मुख्य सचिव महोदय, झारखण्ड प्रदेश के नाम से उपायुक्त महोदय, सरायकेला-खरसावाँ, के द्वारा झारखण्ड का एक मात्र दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण इको सेंसेटिव जोन घोषित हाथियों के लिए संरक्षित है। अभ्यारण की 5 किलोमीटर परिधि में औद्योगिक गतिविधियों और बड़े निर्माण की अनुमति नहीं है फिर भी यहाँ खुलेआम N.H.-33 के कान्दरबेड़ा (सरायकेला-खरसावाँ) हाथी अंडरपास के पास दोनो तरफ अवैध रूप से कई जगहों पर कंपनीयों के स्लैग को खुलेआम गिरा कर अवैध रूप से चालने का कार्य और अवैध रूप से क्रशर प्लांट खोल कर स्लैग को तोड़ने और चालने का कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर मांग पत्र शौपा गया हैं।  

महोदय पर्यावरण एवं हाथियों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कान्दरबेड़ा (सरायकेला-खरसावाँ) हाथी अंडरपास के पास की दोनो तरफ की सड़क को अब बंद करने का सख्त कदम उठाने का आग्रह किया गया।

इसके पूर्व भी दिनांक:- 20.02.2023 एवं दिनांक:- 10.04.2023 एवं दिनांक:- 08.09.2023 को मांग पत्र शौपा था जिसपर प्राढूषण विभाग और वन विभाग के द्वारा सिर्फ कुछ कागिजी कार्यवाही छोड़ कर कुछ ठोस क़ानूनी कार्यवाही अब तक किसी के ऊपर नहीं की गयी है।

THE NEWS FRAME

1. झारखंड का एक मात्र दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण इको सेंसेटिव जोन घोषित हाथियों के लिए संरक्षित है। अभ्यारण की 5 किलोमीटर परिधि में औद्योगिक गतिविधियों और बड़े निर्माण की अनुमति नहीं है फिर भी यहां खुलेआम N.H.-33 के कान्दरबेड़ा (सरायकेला-खरसावाँ) हाथी अंडरपास के पास दोनो तरफ अवैध रूप से कई जगहों पर कंपनीयों के स्लैग को खुलेआम गिरा कर अवैध रूप से चालने और अवैध रूप से क्रशर प्लांट खोल कर स्लैग को तोड़ने और चालने का कार्य किया जा रहा है। महोदय पर्यावरण एवं हाथियों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कान्दरबेड़ा (सरायकेला-खरसावाँ) हाथी अंडरपास के पास दोनो तरफ की सड़कों को बंद कर इनसबों पर अब क़ानूनी रूप से सख्त कदम उठाये। 

2. महोदय क्या ये सब एक्ट1981 की धारा-17 जो कि स्टेट बोर्ड द्वारा स्थापित वायु की गुणवत्ता के मानकों की बात करता है, उसपर ये सब क्या खड़ा उतरती है? क्या संविधान के भाग – 4 राज्य की नीति-निदेशक तत्व अनुच्छेद – 48 ए पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन में बाधा उत्पन्न नहीं कर रही है?

इनसब की निष्पक्ष जाँच कर इनसबों पर कानून सम्मत उचित कानूनी कार्यवाही करने को लेकर मांग पत्र शौपा गया हैं।

सधन्यवाद जोहार ! 

आपका शुभेच्छु

मनजीत कुमार मिश्रा

अध्यक्ष, जन सत्याग्रह

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