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भारत फिर से बंटेगा और उस टुकड़े से बनेगा एक नया देश – कोल्हान। इसके लिए आंदोलन हुआ तेज। कोल्हान देश की रक्षा के लिए हुई नियुक्ति, बांटे नियुक्ति पत्र।
कोल्हान देश : रविवार 23 जनवरी, 2022
झारखंड राज्य में कोल्हान कहे जाने वाले क्षेत्र में ग्रामीण मानते हैं वे कोल्हान देश में रहते हैं। और भारत देश उनपर गुलामी करता है। झारखंड में रहने वाले आदिवासियों के अलावा वे अन्य सभी को बाहरी / विदेशी मानते हैं। और कोल्हान देश के राष्ट्रपति ने सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र भी बांटे हैं।
क्या है कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट ?
आपको बता दें कि कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट स्वयं को भारत देश से अलग देश मानता है। इस देश के प्रथम राष्ट्रपति हैं – रामो बिरूवा। यह स्वयं को कोल्हान का राष्ट्रपति घोषित कर चुका था और भारत से कोल्हान को अलग करने के लिए आंदोलन करता रहता था। यह इस कदर सनकी था कि इसके लिए वह कुछ भी करने को तत्पर रहता था। इस देश का राष्ट्रीय चिन्ह है बाघ। पुलिस ने रामो कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेजा था। जेल में ही उसकी मृत्यु हो गई थी। उसका एक सहयोगी भी था – आनंद चातार। आनन्द चातार भी देशद्रोह के मामले में जेल में ही था। कुछ दिन पूर्व ही बेल के आधार पर वह जेल से बाहर आया। और पुनः कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट को बनाने का ख्वाब रचने लगा।
बता दें कि आनन्द चातार ने कोल्हान देश की रक्षा के लिए कई युवाओं की बहाली आरम्भ कर दी थी। जिसमें लगभग 50 युवक-युवतियों को सुरक्षा बल में नियुक्ति करते हुए नियुक्ति पत्र दिए गए थे। जब इसकी भनक जिला प्रशासन को हुई तब सदर अनुमंडल पदाधिकारी शशिद्र बढ़ाईक, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय खलखो, जिला नियोजनालय पदाधिकारी राजेश कुमार, मुफस्सिल थाना पदाधिकारी पवन चंद्र पाठक सहित अन्य पदाधिकारी पूरे दल बल के साथ लादूरा गांव पहुंच गए। उन्होंने वहां पूछताछ के क्रम में पाया कि कुछ युवकों कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट में सुरक्षा बल का पद दिया गया है। और उन्हें 40 साल के लिए नियुक्त किया गया है। पदाधिकारियों ने नियुक्ति करने वाले उन चार लोगों को पकड़ कर मुफस्सिल थाना ले आयी। जिसकी जानकारी होते ही ग्रामीण पारम्परिक हथियार से लैस सैकड़ों की संख्या में मुफस्सिल थाना का घेर लिया।