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धर्म परिवर्तन का खेल : भारत में पाकिस्तान की एक नई चाल, क्या कामयाब हो पायेगा?

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सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों? धर्म की आड़ लेकर भारत को बर्बाद करने के पीछे भला कौन लगा है?

धर्म परिवर्तन का खेल भारत में कोई नया नहीं हैं। कभी डरा-धमकाकर कभी लालच देकर धर्म परिवर्तन करा दिया जाता रहा है। कुछ लोग बड़ी आसानी से किसी न किसी लालच में पड़कर अपना धर्म बेच देते हैं। क्योंकि भारत के लोग बड़े भोले हैं। और यह खेल भारत में लगभग 1200 सालों पूर्व से जारी है। 

हाल ही में न्यूज चैनलों द्वारा लगातार दिखाया जा रहा है और यह बताया जा रहा है की उत्तर प्रदेश में बड़ा धर्म परिवर्तन का खेल खेला गया है। यूपी पुलिस के अनुसार लगभग एक हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया है। गरीब, बेरोजगार और दिव्यांग लोगों को बनाया गया है निशाना। पुलिस  का यह भी है दावा धर्म परिवर्तन के बाद महिलाओं की हुई इस्लामिक रीति रिवाज से शादी। 

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Lacknow : मीडिया खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन कराने वाले एक गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा है। यह गिरोह पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन करता था।
बता दें कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि गिरोह के द्वारा लगभग 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। वहीं इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी दिल्ली से जा चुकी है। 
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उन्होंने आगे यह बताया कि गरीब परिवार, बेरोजगार, और मूक बधिर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जाता था। यूपी एटीएस की टीम ने इस गिरोह के दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार भी कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि इस धर्म परिवर्तन के खेल के लिए आईएसआई जो एक पाकिस्तानी संस्था है से फंडिंग कराई जाती रही है।
गिरफ्तार लोगों में एक है मुफ़्ती काजी जहांगीर आलम, पिता- ताहिर अख्तर, निवासी- 23/1, फोर्थ फ्लोर, जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली। और दूसरा मोहम्मद उमर गौतम, पिता- स्वर्गीय श्री धनराज सिंह गौतम, निवासी- K-47, बाटला हाउस, जामियानगर, नई दिल्ली।

पुलिस के अनुसार इस काम के लिए एक पूरा गिरोह काम कर रहा है। साथ ही इनका यह धंधा भारत के कई राज्यों में सक्रिय होकर काम कर रहा है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि- “पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अन्य विदेशी माध्यमों के द्वारा पैसे एकत्र कर कुछ लोग धर्मांतरण कराने और धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलाने के लिए प्रयासरत हैं।”

गुप्त सूचना के बाद एटीएस की टीम ने रविवार को काजी जहांगीर आलम और मोहम्मद उमर गौतम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। 
एडीजी प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि – “उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया है और धर्मांतरण कराने में भी सक्रिय हो गया।” पूछताछ में उमर ने यह स्वीकार भी किया है कि वह पहले हिन्दू था, उसे भी मुसलमान बनाया गया। उसने अभी तक करीब एक हजार गैर मुस्लिमों को मुसलमान बनाया है और मुस्लिमों से शादी भी करा दी है। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि यह पूरा अभियान इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के माध्यम से चलाया जा रहा है। जो कि जामिया नगर, नयी दिल्ली में संचालित है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों?
धर्म की आड़ लेकर भारत को बर्बाद करने के पीछे भला कौन लगा है? कौन है जो गजवा-ए-हिन्द को बढ़ावा दे रहा है? कौन लोग है जो जवाहरलाल नेहरू कॉलेज दिल्ली से चिल्ला-चिल्ला कर कहते है भारत तेरे टुकड़े होंगे इंसाहल्लाह। इनलोगों से देश को सुरक्षित रखना है। तो हमें मिलकर इनको ढूंढकर खत्म करना होगा। हर भारतीय को वो चाहे हिन्दू हो, मुसलमान हो, सिख या ईसाई या किसी भी धर्म का हो मिलकर भारत को बर्बाद करने वाली शक्तियों को खत्म करने के लिए एकजुट होना पड़ेगा।

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