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धरती फिर कांपी: भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में भूकंप के झटके, बचाव के उपाय जानना जरूरी

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Natural Disaster : रविवार सुबह दक्षिण और मध्य एशिया एक बार फिर धरती के कंपन से हिल गया। भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में एक के बाद एक चार भूकंप दर्ज किए गए, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

भारत के हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सुबह 9:18 बजे 3.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। स्थानीय प्रशासन ने पुष्टि की है कि कोई नुकसान नहीं हुआ। लगभग इसी समय म्यांमार के मीकटिला क्षेत्र में 5.5 तीव्रता का झटका महसूस किया गया, जो 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप का आफ्टरशॉक माना जा रहा है। वहीं ताजिकिस्तान में एक घंटे के भीतर दो बार धरती डोली—पहला झटका 6.1 और दूसरा 3.9 तीव्रता का था।

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इन घटनाओं ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भूकंप एक अप्रत्याशित आपदा है, जिसके लिए तैयार रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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भूकंप से बचाव के उपाय:

  1. भूकंप के समय घबराएं नहीं, फौरन किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे शरण लें।
  2. खिड़की, शीशे और भारी वस्तुओं से दूर रहें।
  3. यदि आप बाहर हैं तो खुले मैदान में जाएं, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
  4. लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों से बाहर निकलें।
  5. घरों में भूकंप रोधी निर्माण का ध्यान रखें।

यह समय है सजग और जागरूक रहने का। भूकंप की घटनाएं प्रकृति का संकेत हैं—हमें चाहिए कि हम विज्ञान, प्रशासन और समाज के स्तर पर मिलकर इसके खतरों से निपटने की तैयारी करें।

भूकंप के प्रमुख कारण (Causes of Earthquake):

भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे होने वाली तेज भूगर्भीय गतिविधियों के कारण होता है। जब पृथ्वी के अंदर जमा तनाव अचानक मुक्त होता है, तो वह ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में बाहर निकलती है, जिससे धरती हिलती है। नीचे भूकंप के मुख्य कारण दिए गए हैं:


1. टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल

पृथ्वी की बाहरी परत कई टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या अलग होती हैं, तो उनके बीच तनाव उत्पन्न होता है। यह तनाव जब अचानक टूटता है, तो भूकंप आता है।
उदाहरण: हिमालय क्षेत्र, जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।


2. ज्वालामुखी गतिविधियाँ

जब ज्वालामुखी फटता है, तो ज़मीन के नीचे गैस, लावा और चट्टानों का दबाव धरती को हिला देता है। यह एक प्रकार का ज्वालामुखीय भूकंप कहलाता है।
उदाहरण: इंडोनेशिया, जापान जैसे देशों में।


3. मानवजनित गतिविधियाँ

बड़े बांधों का निर्माण, खनन, भूमिगत परमाणु परीक्षण और गहराई में तेल या गैस निकालने जैसी गतिविधियाँ भी धरती की परतों में असंतुलन पैदा कर सकती हैं, जिससे भूकंप आ सकता है।
उदाहरण: गुजरात का कच्छ क्षेत्र।


4. फॉल्ट लाइन (Fault Lines) का सक्रिय होना

पृथ्वी की परतों में पहले से मौजूद दरारें या फॉल्ट लाइनें जब दोबारा सक्रिय होती हैं, तो वहां भूकंप आ सकता है।
उदाहरण: संत्रे एंड्रियास फॉल्ट (कैलिफोर्निया)।


5. डेलैमिनेशन प्रक्रिया

हाल की खोजों में पाया गया है कि जब टेक्टोनिक प्लेट का निचला भाग पृथ्वी के मेंटल में समा जाता है, तो उसकी सतह पर दरारें पड़ने लगती हैं, जिससे गहरे भूकंप उत्पन्न हो सकते हैं।


निष्कर्ष:
भूकंप प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसकी तीव्रता और प्रभाव को समझकर हम समय रहते सुरक्षा उपाय अपनाकर जान-माल की रक्षा कर सकते हैं।

 

Image : AI Generated

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