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“झारखंड वासियों के सहयोग ने दिखाया रंग, होगा होल्डिंग टैक्स कम।” जब तक होल्डिंग टैक्स कम न हो, तब तक होल्डिंग टैक्स जमा न करें। – सुशील कुमार

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Jamshedpur : शनिवार 15 अक्टूबर, 2022

आज झारखंड नगर निकाय समन्वय संघर्ष समिति के तत्वावधान में एक झारखंड वासियों के हित के लिए एक प्रतिनिधिमंडल (मानगो रेसीडेंशियल फ्लैट एसोशिएशन,  आदित्यपुर वरिष्ठ नागरिक संघ और जुगसलाई रेंट पेयर्स एसोसिएशन क्षेत्र से गणमान्य) ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता से कदमा स्थित उनके आवासीय कार्यालय पर सप्रेम भेंट की।

इस सम्बंध में मानगो रेसीडेंशियल फ्लैट एसोशिएशन के अध्यक्ष एवं एक्स आर्मी श्री सुशील कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी ने उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि हर हाल में बढ़ा हुआ होल्डिंग टैक्स वापस होगा। उन्होंने आगे बताया कि इस सम्बंध में सरकार से बात की जा चुकी है और दिनांक 20 अक्टूबर को विशेष बैठक की जाएगी। उस बैठक में तीनों नगर निकाय के दो-दो प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा।

श्री सुशील कुमार ने आगे बताया की झारखंड वासियों के सहयोग से यह संभव होने जा रहा है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब तक होल्डिंग टैक्स कम न हो, तब तक होल्डिंग टैक्स जमा न करें। बढ़ा हुआ होल्डिंग टैक्स वापस करने के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। हमसब मिलकर इसे सम्भव बनाएंगे। सरकार से हमें पूरी आशा है की वे झारखंड वासियों की पुकार को सुनेंगे और उनकी तकलीफों को समझने का प्रयास करेंगे।

अंत में उन्होंने कहा-

“झारखंड वासियों के सहयोग ने दिखाया रंग, होगा होल्डिंग टैक्स कम।”

अब देखना यह है कि हेमंत है तो हिम्मत है कही जाने वाली झारखंड सरकार बढ़ी हुई होल्डिंग टैक्स को कम कर झारखंड वासियों के दिलों को जीतने में सफल हो पाती है या राजनीति का लॉलीपॉप पकड़ा देती है जो अबतक राजनेता करते आये हैं।

राजनेता ने दिया जनता को लॉलीपॉप, बनाया बेवकूफ।

इस सम्बंध में बर्षों पुरानी एक कहानी याद आ गई है जिसे आज दुहराना चाहता हूं आप में से बहुत इस कहानी को जानते भी होंगे या कहीं सुने होंगे।

बात तब की है जब रोटियां बाजार में बिकती थी। और पूरे राज्य में रोटी बेचने वाला एक ही सेठ था। उस समय एक रोटी की कीमत 2 आने थी। कुछ समय बाद सेठ ने रोटी की कीमत 8 आने कर दी। जनता में त्राहि-त्राहि मच गई। लोग परेशान बेहाल राजा के पास पहुंचे। राजा ने जनता की विपदा पर गहरा शोक व्यक्त किया और रोटी वाले सेठ को बुलावा भेजा। सेठ राजा के पास हाजिर हुआ। राजा ने सेठ को फटकार लगाई और पूछा – रोटी का दाम क्यों बढ़ाया। सेठ ने जवाब दिया – मालिक गेंहू की कीमत और मजदूरों की मजदूरी 4 गुना बढ़ गई है साथ ही इसे बनाने में लगने वाला खर्चा भी बढ़ गया है, अब 2 आने में रोटी देना सम्भव नहीं है।

राजा ने भरी सभा में कहा – हमारे लिए जनता से बढ़ कर कुछ भी नहीं। आज से हम ऐलान करते हैं पूरे राज्य में रोटी आधी कीमत में मिलेगी। यानी 8 आने के बजाय 4 आने में सबको रोटी उपलब्ध होगी। जिसे अमीर हो या गरीब सभी आसानी से खरीद सकेंगे।
सभी राजा का जयकार करते और कहते हुए जाने लगे। हमारा राजा दयालु है रोटी की कीमत आधी कर दी।
शाम के वक्त राजा ने सेठ को बुलाया और कहा सेठ 2 आने की रोटी को 4 आने में कैसे बेची जाती है यह सीखा तुमने। बिना किसी झंझट के जनता खुद ही रोटी की बढ़ी हुई कीमत दे रही है। पहले 2 आने को बढ़ा कर 8 आना करदो फिर उसी 8 आने को घटा कर 4 आने कर दो। दाम भी 2 आने से बढ़ गई और सब आधे दाम के घटने से खुश भी हो गए। अब रोटी के 50% कमीशन मेरे खाते में जमा कर दो। 
इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि सरकार कैसे जनता को लॉलीपॉप पकड़ाती है।

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