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झारखंड इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर एसोसिएशन के तत्वाधान में आज आदित्यपुर बिजली विभाग के एसडीओ को प्रधानमंत्री के नाम से सौंपा गया ज्ञापन।

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Jamshedpur : मंगलवार 23 नवंबर, 2021 

झारखंड इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर एसोसिएशन के तत्वाधान में आज आदित्यपुर बिजली विभाग के एसडीओ को प्रधानमंत्री के नाम से एक ज्ञापन सौंपा गया।

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ज्ञात हो कि आजादी के बाद से भारत में चुनी गई सरकारों ने घोषणा की थी कि प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम संभव कीमत पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। बिजली को एक जन कल्याणकारी सेवा माना जाएगा ना कि एक खरीद-फरोख्त की वस्तु, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार हाल ही में लोकसभा में बिजली एक्ट 2003 संशोधन विधेयक 2021 पारित करने की कोशिश कर रही है जो कि बिजली क्षेत्र में और भी अधिक उदारीकरण लाकर आम जनता को बर्बादी के तरफ ले जाएगा विधेयक में अन्य बातों के साथ-साथ बिजली वितरण को तीन टायर में विभाजित करने का प्रस्ताव है :

1. वितरण लाइसेंस धारी, 

2. उप वितरण लाइसेंस धारी और 

3. फ्रेंचाइजी जो सभी निजी हाथों में होंगे।

अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो टैरिफ को और बढ़ाया जाएगा जिससे आम बिजली उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इतना ही नहीं विधेयक में तथाकथित क्रॉस सब्सिडी खत्म करने, आम आदमी के लिए बिजली शुल्क बढ़ाने, उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लेने के लिए मजबूर करने का भी प्रस्ताव है जिन्हें पूर्व भुगतान गारंटी के रूप में लेने के लिए और अपरंपरागत सौर ऊर्जा के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव है यह विधेयक देश की बिजली को विदेशों में बेचने के लिए क्रॉस बॉर्डर ट्रेड नामक एक नया प्रावधान भी प्रस्तुत करने जा रहा है जो अस्वीकार्य है क्योंकि यह भारतीय जनता के हित के खिलाफ है।

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बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं, दोनों में बिल के विरोध की आवाज पहले से ही पूरे भारत में जोरों पर है। प्रधानमंत्री से आशा व्यक्त करते हैं कि सभी उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के हित में इसी घोर जन विरोधी विधेयक को लोकसभा में पारित नहीं करेंगे।

मांगे हैं:

1. बिजली को एक जन कल्याणकारी सेवा के रूप में माना जाना चाहिए ना कि एक खरीद-फरोख्त वस्तु के रूप में,

2. जनविरोधी बिजली अधिनियम को तत्काल वापस लिया जाए।

3. प्रीपेड मीटर पर रोक लगाई जाए।

4. तथाकथित क्रॉस सब्सिडी हटाने के नाम पर आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।

5. कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से निशुल्क बिजली, घरेलू और छोटे उद्योगों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिए जबकि छोटे व्यवसायों को प्रति यूनिट ₹1 के हिसाब से बिल दिया जाना चाहिए।

6. गैर पारंपरिक बिजली के उत्पादन और उपयोग पर आम उपभोक्ताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।

ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से लिली दास, मौसूमी मित्रा, मीरा  सिंह, नमिता गुच्छैत, रूबी यादव, सुमन सोय, सुशांत सरकार, अवधेश सिंह, अंजना भारती और विष्णु देव गिरी उपस्थित थे।

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