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झारखंड

उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक, बिरसा हरित ग्राम, मत्स्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर दिए जरूरी दिशा-निर्देश

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम के निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार द्वारा मनरेगा, जेएसएलपीएस, मत्स्य विभाग के पदाधिकारी के साथ बैठक कर विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में निदेशक डीआरडीए श्री सौरभ सिन्हा, डीपीओ श्री अरूण द्विवेदी, डीपीआरओ डॉ रजनीकांत मिश्रा, एडीएसएस श्रीमती नेहा संजना खलखो, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती अलका पन्ना उपस्थित थे, वहीं सभी बीडीओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इस बैठक में जुड़े। बिरसा हरित ग्राम योजना की समीक्षा में सभी प्रखण्ड के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए JSLPS को 820 एकड़ तथा मनरेगा की टीम को 930 एकड़ में बागवानी कराने का निदेश दिया गया। सभी प्रखंडों को स्पष्ट निदेश दिया गया कि 23-06-2023 तक भूमि का चयन तथा योजना की स्वीकृति सुनिश्चित करेंगे। उप विकास आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार वृक्षो की बागवानी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसका मूल उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना है। इस योजना को मनरेगा से जोड़ दिया गया है।  

मत्स्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा में जिले में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया गया। उप विकास आयुक्त ने कहा कि मत्स्य पालन से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ें, इसे किसान स्वरोजगार के रूप में भी अपना सकते हैं जिससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। विभाग की योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्र में वृहद प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक लोगों को मत्स्य पालन से जोड़ने का निर्देश दिया गया। साथ ही जिले में विभिन्न स्रोंतो से विगत वर्ष का मत्स्य उत्पादन का मासिक प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया गया। सभी मत्स्य मित्रों को एक्टिव करते हुए क्षेत्र भ्रमण पर विशेष ध्यान देने, पॉटेंशियल लाभुक को चिन्हित कर योजनाओं से अवगत कराने तथा लाभुकों को मत्स्य पालन को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई।  

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