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झारखंड

अयोध्या में गिरफ़्तारी चल रही थी तब 100 किलोमीटर पहले ट्रेन से उतर कर खेतों के रास्ते अयोध्या पहुँचने वाले कारसेवक वंदेशंकर सिंह और सुमन शर्मा का हुआ अभिनंदन। आइये सुने उनकी अनकही कहानी।

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जमशेदपुर   |   झारखण्ड 

बजरंग सेवा संस्थान के द्वारा जमशेदपुर के वैसे लोगो का अभिनंदन शुरू हुआ जिन्होंने राम मंदिर बनवाने के लिए 90 के दौर से संघर्ष किया है। उसमे अयोध्या जाकर आंदोलन हो, शहर में एक ईट हर घर से जुटाना हो या फिर मंदिर के लिए जनजागरण हो ऐसे सभी सम्मानित लोगो का अभिनंदन शुरू हो गया है। 1992 में अयोध्या से 100 किलोमीटर पहले ट्रेन से उतर कर खेतों के रास्ते अयोध्या पहुँचने वाले और 1990 में कारसेवक पर चली गोली का वीडियो देख 18 वर्ष के उम्र में अयोध्या जाने वाले सुमन शर्मा का हुआ अभिनंदन। 

वंदेशंकर सिंह ने कहा कि अयोध्या में गिरफ़्तारी चल रही थी इसलिए हम सब 100 किलोमीटर पहले उतर कर खेत से होते हुए अयोध्या पहुँचे थे वहा पहुँच कर सभी कारसेवक एकजुट होकर हर कार्य को करते रहे और अंतिम दिन 4 घंटे तक नीचे से दीवार तोड़ने का कार्य हम किए थे और सुमन जी ने कहा कि 1990 जो कारसेवक की गोली मार कर हत्या की गई थी उसका वीडियो मुझे मिल गया थी, जिसको वीसीआर में देखे थे उसमें जो बहरहमी से हत्या किया गया था देखकर खून खोल उठा, उस दिन से तैयारी में था अयोध्या जाने का, पर अवसर 29 दिसंबर 1992 को मिला और अयोध्या पहुँच गए।

बजरंग सेवा संस्थान के संस्थापक सागर तिवारी ने कहा की वंदेशंकर सिंह और सुमन शर्मा से मुलाक़ात कर पता चला की कारसेवक का संघर्ष कितना बड़ा था आज अगर मंदिर तैयार है तो केवल कारसेवक के संघर्ष के कारण है। ये सम्मान 22 जनवरी तक लगातार जारी रहेगा। इसमें मुख्य रूप से सागर तिवारी, धर्मबीर महतो, प्रदीप सिंह, राजकुमार पाठक, राकेश कुमार, सूरज तिवारी, वैंकेट, एव निखिल सिंह  उपस्थित थे।

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