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झारखंड

अधिकारी के बिगड़े बोल, डॉ अजय ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग की

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अधिकारी के बिगड़े बोल, डॉ अजय ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग की

जमशेदपुर: पूर्व सांसद सह कांग्रेस के वरीय नेता डॉ. अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम को पत्र लिख आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग की है. उक्त जानकारी डॉ.अजय कुमार में शनिवार को परिसदन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को दी.

उन्होंने कहा कि झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन द्वारा शिक्षकों के प्रति जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है. वो अशोभनीय व शर्मनाक है. सभ्य समाज में इस प्रकार की भाषा का कोई स्थान नहीं है. इससे पहले उन्होंने वायनाड में प्राकृति आपदा में मारे लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त किया. वहीं पिछले दिनों झारखंड के लातेहार में वैन के हाईटेंशन बिजली पोल से टकराने के कारण जिन कावड़ियों की मृत्यु हो गई उन परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की.

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डॉ. अजय ने कहा कि आश्चर्यजनक तरीके से 2014 के बाद से आईएएस और आईपीएस (नौकरशाहों) अधिकारियों के बात करन के तरीके औऱ व्यवहार में परिवर्तन परिलक्षित हो रहा है. जो समाज और देश के लिए ठीक नहीं है. आदित्य रंजन पहले और अंतिम अधिकारी नहीं इससे पूर्व महाराष्ट्र की अधिकारी पूजा खेडकर के अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ किया गया व्यवहार तो सबके सामने है.

उन्होंने कहा कि आप शायद नहीं जानते हैं कि 2016 में आरएसएस से जुड़े ‘संकल्प’ ने सिविल सेवा परीक्षा में बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स समेत प्रोफेशनल्स के आने पर चिंता जताई थी. जिस तरह आरएसएस और बीजेपी ने ऐसी प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षाओं के कार्यों को अपने हाथ में ले लिया है, मुझे तो कभी-कभी डर लगता है कि उन परिवारों का क्या होगा जो केवल अपने बच्चों को आईएएस, आईपीएस बनाने का सपना देखते हैं, क्योंकि उनके पास अपने बच्चों को बड़े संस्थानों में एडमिशन के लिए पैसे नहीं हैं.

डॉ. अजय ने बताया कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है की विपरीत परिस्थितियों में भी वे धैर्य का परिचय देते हुए आम लोगों से सम्मानजनक व्यवहार करें. उसके बावजूद अधिकारियों के इस प्रकार व्यवहार गंभीर चिंता का विषय है.

अधिकारियों पर हो रहा है नेताओं का असर

डॉ. अजय ने चुटकी लेते हुए कहा कि हाल के दिनों में जिस प्रकार बीजेपी नेताओं के भाषा में परिवर्तन हुआ है लगता है उसका ही असर अधिकारियों पर भी पड़ने लगा है. आज कुछ युवा जो आईएएस आईपीएस बन रहे हैं, उनकी मानसिकता बदल रही है क्योंकि उनके सामने हमारी केंद्र सरकार का उदाहरण है जो खुलेआम हमारे लोगों की जाति पूछ रही है, लोगों का धर्म पूछ रही है, लोगों को गोली मारने की धमकी दे रही है, लोगों से विशिष्ट अल्पसंख्यक समूहों का बहिष्कार करने के लिए कह रही है. लेकिन इंडिया गठबंधन की सरकार में इसको स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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