सरिया । झारखंड
झारखंड की राजधानी रांची से उप राजधानी दुमका के मुख्य मार्ग की स्मार्ट सिटी सरिया, जो झारखंड के बाबा नगरी देवघर को जोड़ती है, की अपनी कुछ समस्याएं भी है। यह समस्याएं बताती हैं कि स्मार्ट सिटी बनाने की होड़ में इन्हें आप भूल नहीं सकते , क्योंकि इनके समाधान के बिना स्मार्ट बनके कोई लाभ नहीं।
आइये सुनाते हैं आपको, अबतक न कही गई सरिया की एक नई कहानी – सरिया मेरी जान……..।
ये है हमारा सरिया, जो अब नगरपालिका के साथ-साथ स्मार्ट सिटी भी है। सड़कों पर जाम यहां आम है। सरिया कई दशकों से एक ओभरब्रीज की बाट जोह रही है। रेलवे क्रासिंग, सरिया के विकास का सबसे बड़ा बाधक बनी हुई है। अधिक रेलगाड़ी परिचालन की वजह से यहां रेलवे क्रॉसिंग ज्यादातर समय बंद ही रहती है। ऐसे में ट्रैफिक जाम की कुव्यवस्था स्मार्ट सिटी को मुंह चिढ़ाती है। ठंढ का मौसम तो लोग झेल लेते हैं, बरसात किसी तरह मैनेज हो जाती है, लेकिन चिलचिलाती गर्मी का क्या करें? शरीर को जला देने वाली गर्मी में स्कूल बस, एंबुलेंस, नौकरी में जाने जल्दी वाले लोग, सभी प्रतिदिन इन परेशानियों से जूझते हैं।
किसी अप्रिय घटना को आमंत्रित करने वाली यह रेलवे क्रासिंग, अब सबके लिए खेल बन गई है और सभी को इसकी आदत सी पड़ गई है। लेकिन हादसे बोलकर नहीं आते। अनहोनी की कहानी पर बैठा यह मार्ग डर के साये में जी रहा है। कई रेलवे क्रॉसिंग से पार होते हुए दर्दनाक ट्रेन हादसों की कहानी सरिया को बखूबी याद है।
और आपको बता दें यह कोई ऐसी वैसी सड़क नहीं है, यह सबसे खास है। यह सड़क, झारखंड की राजधानी रांची से उपराजधानी दुमका, और बाबा नगरी देवघर को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क है। आश्चर्यजनक बात यह भी है कि कुछ पूर्व मंत्रियों का आवास भी इसी सड़क के रास्ते में है। इसके बावजूद आज तक इस समस्या का समाधान हेतु किसी ने सोचा ही नहीं। शायद इसका बनना स्मार्ट सिटी के लिए ठीक नहीं? या फिर किसी राज्यमंत्री, अधिकारी या पदाधिकारी के द्वारा इसे जरूरी नही समझा जा रहा है।
अभी बहुत कुछ कहना है सरिया के बारे में, आज के लिये इतना ही, फिर चर्चा करेंगे, बेतहाशा गर्मी से खुद को सुरक्षित रखें तबतक के लिए ….. नमस्कार।