भाजमो जमशेदपुर महानगर जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने वक्तव्य जारी कर कांगेस जिलाध्यक्ष विजय खान के मंत्री बन्ना गुप्ता के बचाव में दिए गए बयान पर पलटवार किया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा की झामुमो कांग्रेस गठबंधन सरकार में कांग्रेस के कोटे से स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाने का कार्य किया है।
मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग कर राज्य के राजस्व का बन्ना बाँट करने का कुंठित प्रयास किया है। जिसका भांडाफोड़ हो चुका है और सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय खान मंत्री बन्ना गुप्ता के बचाव में ऊतर गए है परन्तु किसी भी दल का नेता यदि भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त होता है और पार्टी उसका समर्थन करती है तो निश्चित ही पुरी पार्टी की छवी दागदार होती है जिसका उदाहरण 2019 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट देखा गया था।
राज्य के मंत्री ने अपने अधिन स्वास्थ्य विभाग में जो घोटाले किए हैं उनकी परत दर परत खुलकर सामने आ रही है और मंत्री स्वयं को निर्दोष साबीत करने के एवज में रोज नया झूठ बोल रहे हैं। मंत्री अपने द्वारा किए भ्रष्टाचार को ढकने और मामले को भटकाने के लिए जातिवाद का कार्ड खेल रहे हैं और भ्रष्टाचार के इस मामले को अगड़ा- पिछड़ा का रंग दे रहे हैं। भ्रष्टाचार की ना तो कोई जाती होती है ना कोई धर्म। मंत्री के सिपहसलार जो यह प्रश्न कर रहे हैं की पूर्वी का विकास कितना हुआ उसे सरयू राय सार्वजनिक करे। उन्हें पहले यह बताना चाहिए की जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारने के लिए मंत्री ने क्या कदम उठाया।
पोर्टेबल केबिन के नाम पर जो धांधली हुई और निम्न गुणवत्ता वाला कार्य कर जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया उसकी जवाबदेही किसकी है। जमशेदपुर पश्चिम के विकास की गति में ब्रेक लगाकर केवल अपने चहेतों का सड़क पर अतिक्रमण कर कार्यालय खुलवाने का अलावा मंत्री ने ऐसा कौन सा बड़ी तीर मारा वो भी बताना चाहिए। चुनाव लड़ चुके अयोग्य व्यक्ती को सिविल सर्जन जैसे महत्वपूर्ण पद पर बनाए रखकर मंत्री ने नियम कानून को घोर उलंघन किया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अविलम्ब ऐसे मंत्री को अपने कैबिनेट से बर्खास्त करना चाहिए।