हैरतअंगेज : सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए पांच मजदूर टैंक में उतरे और थोड़ी देर में सभी मौत के गर्भ में चले गए।
यह दिल दहला देने वाली घटना महाराष्ट्र के परभणी की है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के अनुसार यह हृदय विदारक घटना गुरुवार रात की है।
बता दें कि घटना परभणी के सोनपेठ तालुका के भाऊ के टांडा शिवरा में घटी, जब 11 मई गुरुवार की रात में ये सभी 5 मजदूर मारुति राठौड़ के खेत में सेप्टिक टैंक की सफाई करने आए थे। इस दुर्घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
क्यों होती है सेप्टिक टैंक में सफाई करने से मौत? जानिए कारण।
आपको बता दें कि सेप्टिक टैंक से मीथेन गैस निकलती है। यह एक जहरीली गैस है, जिसके संपर्क में आने से आंखों में जलन, गले में खराश, सांस की तकलीफ, खांसी या अन्य तकलीफें होने लगती है। अधिक देर तक उस क्षेत्र में रहने से या उस क्षेत्र में इसकी अधिकता रहने से तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) भी प्रभावित हो सकता है। जिसके कारण घुटन के साथ, बेचैनी, सरदर्द और चक्कर आता है। उस स्थान पर सांस लेने से गैस फेफड़े और मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है, जो मृत्यु कारण बन जाता है।
मीथेन गैस ज्वलनशील, रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है। ज्वलनशील होने के कारण इसका उपयोग ज्वलनशील पदार्थो में किया जाता है।यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है।
सेप्टिक टैंक की सफाई करवाते समय किन किन बातों पर ध्यान देंने की आवश्यकता है?
हमेशा याद रखें सफाई करवाते समय टंकी के ढक्कन को खोलने के उपरांत कम से कम आधा घंटा तक इंतजार करना चाहिए। उसके बाद ही सेफ्टी गैजेट्स/जैकेट पहन कर ही टंकी में उतरना चाहिए।
यह क्षेत्र कितना जहरीला है या मीथेन की कितनी अधिकता है को जांचने के लिए टंकी के बाहर मुंह पर या अंदर एक माचिस की जलती हुई तीली दूर से डालकर देखनी चाहिए। आग लगने पर समझ लें गैस कितना हो सकता है।
मैनहोल को खुला छोड़ने के आधे घण्टे के उपरांत टंकी में पानी का छिड़काव अवश्य करना चाहिए।
सफाईकर्मियों को ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग करना चाहिए। वहीं सेप्टिक टैंक में उतरते समय उनके मुंह पर आक्सीजन मास्क होना चाहिए।सेफ्टी बेल्ट और कमर में रस्सी जरूर बांधें, ताकि आपात स्थिति में ऊपर खड़ा अन्य साथी उन्हें बाहर खींच सके। टैंक में उतरते समय हेड टार्च या हैण्ड टार्च का प्रयोग करना चाहिए।
नोट – सम्भव हो तो सेप्टिक टैंक की सफाई हमेशा आधुनिक तकनीक एवं मशीन द्वारा ही करवाएं।