जमशेदपुर: आज के दौर में भारत में शासन तलवार के बल पर नहीं, बल्कि जनमत के आधार पर चल रहा है। लेकिन सवर्ण जातियों को एकजुट होकर अपनी शक्ति का एहसास कराने की आवश्यकता है। सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति और सवर्ण महासंघ जमशेदपुर के संरक्षक, शिव पुजन सिंह ने सवर्ण जातियों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सभी राजनीतिक पार्टियाँ दलित वोट बैंक पर निर्भर हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि दलित संगठित हैं और उनकी संख्या अधिक है। इसके चलते सरकारें जातिगत आधार पर आरक्षण लागू कर रही हैं, जबकि वे यह जानते हुए भी नजरअंदाज कर रही हैं कि दलितों में भी सक्षम लोग हैं और सवर्ण जातियों में भी गरीब लोग हैं।
शिव पुजन सिंह ने कहा, “राजनीतिक पार्टियाँ केवल वोट की राजनीति कर रही हैं, और उन्हें दलित समुदाय के संगठित होने का फायदा मिल रहा है। वहीं, सवर्ण जातियाँ अपने वर्चस्व और स्वाभिमान के लिए बिखरी हुई हैं। यह सोच गलत है कि सवर्ण संगठित नहीं हो सकते।”
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सवर्ण जातियों को राजनीतिक ताकत दिखाने का वक्त
शिव पुजन सिंह ने ललन यादव, नितीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे नेताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी जातीय वोट बैंक बिहार तक ही सीमित है और अन्य राज्यों में उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं है। लेकिन सवर्ण जातियों की संख्या और अस्तित्व पूरे भारत में है। इसके बावजूद, आज़ादी के 75 साल बाद भी सवर्ण जातियाँ अपना राजनीतिक दल नहीं बना सकीं और वे अन्य पार्टियों के दामन थामे हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा, “यही सोचकर मैंने जमशेदपुर में सवर्ण महासंघ की स्थापना की है। अगर सही मायनों में आप सभी सवर्ण भाइयों ने साथ दिया, तो हम जमशेदपुर में अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास सभी पार्टियों को करा देंगे।”
सवर्ण भाइयों से अपील
शिव पुजन सिंह ने सवर्ण जातियों से आग्रह किया कि वे अब एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करें और राजनीतिक पार्टियों को यह एहसास दिलाएँ कि सवर्ण जातियाँ भी संगठित हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “यह वक्त है, जब सवर्ण समुदाय अपनी शक्ति को पहचाने और राजनीतिक दलों को अपनी वास्तविक औकात दिखाए।”