Jamshedpur : दिनांक 17 जुलाई, 2021 को एन एच 33, उमा हॉस्पिटल के बगल में बीएसएनएल का फाइबर ऑप्टिकल सर्विस वायर धु-धुकर कर जलने लगा था। जिससे सरकारी सम्पति का नुकसान हुआ है।
बता दें कि 17 जुलाई को संध्या 5:30 बजे के करीब एच 33, उमा हॉस्पिटल के बगल में टायर गोदाम के सामने कचड़े का अंबार लगा हुआ था। टायर गोदाम के गार्ड ने कचड़े को नष्ट करने के लिए उसमें आग लगा दी। कचड़ा तो जलकर नष्ट हो गया लेकिन कचड़े से सटकर बीएसएनएल का फाइबर ऑप्टिकल सर्विस वायर भी था जो आग की चपेट में आकर जलने लगा।
देखते ही देखते आग की लपटें बढ़ने लगी और चारों ओर धुंआ ही धुंआ होने लगा। स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई। इस आग को बुझाने के लिए आनन-फानन में गार्ड ने पानी भरा एक बाल्टी लाकर उस पर डाला जिसका कोई असर नहीं हुआ। आग की लपटें इतनी तेज थी कि 15 से 20 मिनट तक वायर जलता रहा। लगातार गार्ड के पानी डालते रहने के बाद ही आग पर काबू पाया गया और आग बुझ गई। लेकिन रखे वायर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल कर खाक हो गया। जो कि अब किसी काम का नहीं रहा।
सरकार की सम्पति का नुकसान आखिर हुआ ही। लेकिन इसका जिम्मेदार आप किसे मानते हैं? बीएसएनएल कर्मचारियों को या उस गार्ड को जिसने सफाई के दौरान आग लगाई और वायर में लगी आग बुझाई।
सरकारी सम्पति की बर्बादी सिर्फ यहीं नहीं है। यह तो बस एक नमूना भर है। पूरे देश में इसी तरह से भारत सरकार की सम्पत्ति का नुकसान होता है। जिसके उदाहरण आप रेलवे, बिजली, दूरसंचार, सड़क आदि में देख सकते हैं। न जाने ये सामान कितने सालों से तीतर बितर रखें हुए है। जिसका कोई लेखा जोखा ही नहीं है। यह देश की बर्बादी नहीं तो और क्या है?
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