जमशेदपुर | झारखण्ड
श्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलना नीति और सिद्धांतों को भारत रत्न मिलना है और यह गर्व की बात है। आज जो राम मंदिर का स्वरूप दिखाई पड़ा है इसका मुख्य श्रेय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को ही जाता है। वर्ष 1984 में जब भारतीय जनता पार्टी के सिर्फ 2 संसद सदस्य थे, तब उन्होंने शाह बानो प्रकरण के उपरांत क्षद्म धर्मनिरपेक्षवाद के विशेषण से पहचान करायी थी। उन्होंने पूरे जीवन में कभी भी नीति और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। इसलिए देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ श्री लालकृष्ण आडवाणी को ही नहीं नीति और सिद्धांतों को भी भारत रत्न मिलना है।