जमशेदपुर | झारखण्ड
बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि शौर्य चक्र विजेता मोहम्मद जावेद अपने घर के सामने की समस्या को लेकर बिगत कई वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने शासन प्रशासन को पत्र देने के बावजूद भी उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। हद तो तब हो गई जब एस डी एम घाटशिला को अपनी समस्या बताने के लिये उनके आवास गए तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। इस बात से निराश होकर शौर्य चक्र मोहम्मद जावेद ने अपने दोनों बेटों के साथ एस डी एम घाटशिला के आवास के द्वार पर धरना पर बैठ गए।
भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत मोहम्मद जावेद सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत है। अपनी मेहनत की कमाई से उन्होंने घाटशिला में अपना घर बनाया और रिटायरमेंट के बाद का समय खुशी-खुशी बिताने के लिए बढ़िया आशियाना बनाया। मगर कुछ मुस्लिम लोगों ने एक घर को मस्जिद में परिवर्तित किया और घर के मुख्य दरवाजे को बंद कर जावेद के घर के तरफ जबरन गेट खोलकर दिन भर उनके घर के सामने गाड़ियों का ताँता लगा रहता है। जिसके लिए उन्होंने जिला उपायुक्त एवं एस डी एम को अनेकों बार बता चुके हैं। मगर सब अपना कार्यकाल पूरा करके आश्वासन देकर चले जाते हैं। मगर आज तक शौर्य चक्र मोहम्मद जावेद की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
आज निराश होकर मोहम्मद जावेद धरना पर बैठने का निर्णय ले लिये। साथ ही अपना अवार्ड मुख्यमंत्री को लौटाने की भी बात कह रहे हैं। जहां पूरे देश में सैनिकों का सम्मान होता है, और उनका हौशला बढ़ाया जाता है। जिसके कारण सैनिक अपनी जान पर खेल कर सरहदों की रक्षा करता है। मगर वही सैनिक जब सेवानिवृत होकर अपने पैतृक क्षेत्र में आता है तो स्थानीय लोग नाना प्रकार से तंग करते हैं। इसका यह जीता जागता उदाहरण है। प्रशासन से निवेदन है कि इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए यथाशीघ्र कोई स्थाई समाधान कराने की कृपा करे।