कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच न्यूनतम तीन महीने के खुराक अंतराल की सिफारिश की गई। अफवाह यह भी है कि सरकार के पास पर्याप्त टीके नहीं हैं इसलिए समयांतराल बढ़ा दिया गया है।
यह महज अफवाह है या सत्य, आइये जानते हैं।
कोविड-19 टीकाकरण पर मिथक बनाम तथ्य
कोविशील्ड खुराक के बीच का अंतराल बढ़ाने का निर्णय एडेनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में मूलभूत वैज्ञानिक कारण पर आधारित
कोविड-19 कार्य समूह तथा एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की बैठकों के कार्यवृत्त का रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि कोविशील्ड के लिए अनुशंसित 12-16 सप्ताह की खुराक के अंतराल का निर्णय सर्वसहमति से था और किसी सदस्य ने कोई असहमति नहीं जताई थी
नई दिल्ली : 16 जून, 2021 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 टीकाकरण पर मिथक बनाम तथ्य शीर्षक की जानकारी प्रेस रिलीज के माध्यम से जारी करते हुए बताया गया है कि कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच कम से कम तीन महीने का अंतर होना चाहिए। जिससे की टीका लेने वाले व्यक्ति का शरीर सुरक्षित और मजबूत बन सके।
बताया गया कि कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने के संबंध में मीडिया की कुछ रिपोर्ट आई थी जिसमें यह बताया गया था कि इस निर्णय के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों के बीच असहमति थी।
जबकि यह पूरी तरह से निराधार है। जबकि सत्य यह है कि कि अंतराल बढ़ाने का निर्णय एडेनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में मूलभूत वैज्ञानिक कारण पर आधारित है और इस पर कोविड-19 कार्य समूह तथा एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की बैठकों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है और किसी सदस्य ने कोई असहमति नहीं जताई।
बता दें कि इस प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 कार्य समूह की 22वीं बैठक 10 मई 2021 को आयोजित हुई थी जिसके निम्नलिखित सदस्य उपस्थित थे-
डॉ. एन के अरोड़ा
कार्यकारी निदेशक, आईएनसीएलईएन
डॉ. राकेश अग्रवाल
एनटीएजीआई सदस्य, निदेशक, जेआईपीएमईआर, पुदुचेरी
डॉ. गगनदीप कांग
एनटीएजीआई सदस्य, प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर
डॉ. अमूल्य पांडा
एनटीएजीआई सदस्य, निदेशक, एनआईआई
डॉ. जे पी मुलीयिल
एनटीएजीआई सदस्य, सेवानिवृत्त प्रिंसीपल, सीएमसी वेल्लोर
डॉ. नवीन खन्ना
ग्रुप लीडर, आईसीजीईबी
डॉ. वी जी सोमानी
डीसीजीआई, सीडीएससीओ
डॉ. प्रदीप हल्दर
सलाहकार, आरसीएच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
इन्होंने पूर्ण सहमति से इस निर्णय पर मुहर लगाई थी।
वहीं कोविड-19 कार्य समूह ने राष्ट्रीय टीकाकरण नीति के तहत प्रयुक्त कोविशील्ड के लिए खुराक अंतराल में परिवर्तन के लिए एक प्रस्ताव पर विचार किया। इसने अनुशंसा की कि ‘विशेष रूप से ब्रिटेन (यूके) के वास्तविक जीवन साक्ष्यों के आधार पर, कोविड-19 कार्य समूह ने कोविशील्ड टीके के लिए दो खुराकों के बीच का खुराक अंतराल 12-16 सप्ताह बढ़ाने पर सहमति जताई।’
जिसे देखते हुए कोविड-19 कार्य समूह की इस अनुशंसा को जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सचिव तथा डीएचआर के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक की संयुक्त अध्यक्षता के तहत 13 मई 2021 को आयोजित एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की 31वीं बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। जिसमें एसटीएससी के निम्नलिखित सदस्य उपस्थित हुए:
डॉ. रेणु स्वरूप
सचिव, जैवप्रौद्योगिकी विभाग
डॉ. बलराम भार्गव
सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग एवं डीजी-आईसीएमआर
डॉ. जे पी मुलिइल
प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर
डॉ. गगनदीप कांग
प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर
डॉ. इंद्राणी गुप्ता
प्रोफेसर, आर्थिक विकास संस्थान, दिल्ली
डॉ. राकेश अग्रवाल
निदेशक, जेआईपीएमईआर, पुदुचेरी
डॉ. मैथ्यूज वर्गीस
विभागाध्यक्ष, ऑॅर्थोपेडिक्स, सेंट स्टीफन अस्पताल, नई दिल्ली
डॉ. सतिन्दर अनेजा
प्रोफेसर, शारदा विश्वविद्यालय, नोएडा
डॉ. नीरजा भाटिया
प्रोफेसर, एम्स, नई दिल्ली
डॉ. एम डी गुप्ते
पूर्व निदेशक, एनआईई, चेन्नई
डॉ. वाई के गुप्ता
प्रधान सलाहकार टीएचएसटीआई-डीबीटी
डॉ. अरुण अग्रवाल
प्रोफेसर, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़
डॉ. ललित धर
प्रोफेसर, विरोलॉजी, एम्स, नई दिल्ली।
एनटीएजीआई की एसटीएससी ने निम्नलिखित अनुशंसा की:-‘कोविड-19 कार्य समूह की अनुशंसा के अनुसार, कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच न्यूनतम तीन महीने के खुराक अंतराल की सिफारिश की गई।’
अब यहां यह उल्लेखनीय है कि दोनों ही बैठकों अर्थात कोविड-19 कार्य समूह और एसटीएससी में तीनों सदस्यों अर्थात डॉ. मैथ्यूज वर्गीस, डॉ. एम डी गुप्ते और डॉ. जे पी मुलिइल में से किसी ने भी असहमति नहीं जताई जैसा कि कुछ रायटर्स द्वारा न्यूज रिपोर्ट में जारी किया गया है। साथ ही इस बात का रिकॉर्ड भी है कि डॉ. मैथ्यूज वर्गीस ने रायटर्स के साथ उनकी कथित असहमति के मुद्दे पर बात करने से इंकार किया है।
इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें।