जमशेदपुर | झारखण्ड
भारतीय मानवधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष एस एन पाल की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर समस्त भाई–बहनों को जोहर–जोहर हार्दिक शुभकामनाएं।
आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 1994 में इसके शुरुआत हुई थी, जिसे वर्ल्ड ट्राईबल डे के रूप में मनाने का निश्चय किया गया। आज पूरे विश्व में लगभग आदिवासीयों की आबादी 6% है। आज के नौजवान उच्च शिक्षा हासिल करके राजनीतिक/ शासनिक/ प्रशासनिक/व्यवसायिक/ निजी क्षेत्र/ एवं विभिन्न क्षेत्र में अपनी दावेदारी साबित कर रहे हैं, आज भारतवर्ष के राष्ट्रपति के रूप में महामहिम द्रोपदी मुर्मू जी पद स्थापित है। विशेष रूप से झारखंड राज्य मूलवासी आदिवासी क्षेत्र हैं, यहां के कलाकार विशेष रुप से झारखंड की कला को ना केवल भारतवर्ष में बल्कि पूरे विश्व में छो नृत्य /डान्स एवं हस्तकला को पहुंचने में सफल रहे है। खेलकूद में भी उन्होंने अपना परचम लहराया है।
आदिवासी का मुख्य पर्व सोहराय/ मागे पर्व /कर्मा /सरहुल आदि है। यह सारा पर्व मूल रूप से पर्यावरण रक्षा के रूप में मनाया जाता है। यूनाइटेड नेशन के मुताबिक पूरे विश्व में 476 मिलियन जनसंख्या इनकी है और 90 देशों निवास करते हैं।
झारखंड राज्य में उनके जमीन/ घर/ मकान किसी दूसरे जाति के लोग नहीं ले सकते हैं, अगर लेते भी है तो वह आमाननीय होगा, फल स्वरूप उनका जमीन का कीमत 100% नही 25% में ही बिकती है, या सौदा होता है, फल स्वरूप उन जातियों को आर्थिक हानि होती है। झारखंड के विकास के लिए बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र की आवश्यकता होती है, जिसके फल स्वरूप उन जाति के विकास की कीमत नहीं मिल पाती। हमें लगता है इन नियमों को संशोधन किया जाए ताकि राज्य में इन जातियों को आर्थिक लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल सके।