Jamshedpur : दिनांक 26 मई से 27 मई 2021 के बीच आये चक्रवाती तूफान यास ने तटवर्ती इलाकों में अधिक क्षति पहुंचाई है। नदी से सटे कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई थी। जमशेदपुर के कई इलाकों में भी बाढ़ की स्थिति देखने को मिली।
यथा स्थिति को देखने के लिए पूर्वी जमशेदपुर के विधायक श्री सरयू रॉय ने उन क्षेत्रों का दौरा किया। जहां बारीडीह नागाडूंगी, मीरा पथ के स्थानीय निवासियों का कहना है कि विधायक साहब आये और हाथ हिलाते हुए चले गए। किसी से कुछ भी जानकारी नहीं ली ना ही हालचाल ही पूछा। वहीं की रहने वाली गुरमीत कौर उनके दौरे से भड़की हुई थीं।उसने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि- “वो आये, फ़ोटो खिंचवाये, हाथ झाड़ कर चले गए। सांत्वना तक नहीं दिए उल्टा यह कहकर गए कि नाले के पास घर क्यों बनाते हैं। क्या हमलोग उनको। वोट नहीं देते। हम गरीब कहाँ जाएंगे। रोड पर तो नहीं रह सकते। जहां जगह मिलता है वहां गुजर बसर के लिए घर बना लेते हैं।”
गुरमीत कौर की बातों से यही लगता है कि वह विधायक जी से बहुत ही नाराज हो गई हैं। हो भी क्यों न? जनता के प्रतिनिधि और सेवक कहे जाने वाले विधायक महोदय जी की संवेदनशीलता अगर ऐसी हो जाये तो उनको समर्थन देने वाले लोग आहत तो होंगे ही।
बात सिर्फ एक विधायक की नहीं है। बात है नागरिको के मूलभूत सुविधाओं की। आज हमारे देश में गरीब और गरीब होता जा रहा है। अमीर और अमीर। राजनीति करने वाले आते और जाते हैं। लेकिन समाज की स्थित वही बनी रहती है। मजे की बात देखिये, गरीब को अमीर बनाने के लिए सरकार की ओर से कई बेहतरीन कार्य किये जाते हैं। जिसमें से सबसे प्रमुख है- राशनकार्ड का झुनझुना। जिसमें कई गरीब 1 लाख की बाइक लगाकर 5 किलो चावल वह भी 1 रुपये किलो के हिसाब से खरीदता है। और आधा राशन तो राशनवाला ही बाहर बेच देता है। अब कोई ये कहेगा कि इसका कोई प्रूफ है क्या? तो सबको पता है यहां क्या होता है। दूसरी मजे की बात 100 दिन का काम। 365 दिन का पेट 100 दिन के काम करने से कैसे भरेगा। वैसे यह विषय बहुत ही लंबा है। यदि आरम्भ किया जाए तो न जाने अंत कब हो। यह सिर्फ इसकी या उसकी सरकार में नहीं होता है। बल्कि सब की सरकार में तो यही हाल है। बस अपना काम बनता, भाड़ में जाये जनता।