फाइल फोटो : आकाश शाह |
Jamshedpur : शनिवार 23 अक्टूबर, 2021
भारत में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगातार एफडीआई नीति का उल्लंघन कर देश के करोड़ों छोटे एवं मध्यम व्यापारियों के व्यवसाय में कुठारघाट किया जा रहा है।
विधायक सरयू राय के प्रतिनिधि ( व्यवसायी मामलों) आकाश शाह ने इस आशय का एक पत्र झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखकर अविलंब केंद्र सरकार से वार्ता कर इस मामले में त्वरित संज्ञान लेने और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है।
श्री शाह ने कहा की पुरे देश में करोड़ों और राज्य के सैकड़ों व्यापारियों का व्यापार ई- कॉमर्स कंपनी की लगातार बढ़ती मनमानी के कारण संकट में आ गया है। विगत कुछ वर्षों से जिस तरह लोगों में सुविधाजनक मार्केटिंग के लिए आन-लाइन खरीदारी की आदत पड़ी है। इसका अनैतिक फायदा कुछ विदेशी कंपनियों द्वारा लगातार उठाया जा रहा है।
इन कंपनियों द्वारा उत्पादों को सीधे मैनुफेकटरिंज युनिट से खरीद कर बड़ी मात्रा में भंडारण कर लिया जाता है और फिर विभिन्न साईट और ऐप के माध्यम से लोगों तक अनियमित छुट और आकर्षक उपहार एवं आफर देकर बेचा जाता है। इनके वस्तुओं की गुणवत्ता बाजारों में दुकानदार द्वारा विक्रय किए जाने वाले वस्तुओं से काफी कम रहती है। लेकिन ग्राहक इनके सस्ते और लोक लुभावन आफर से आकर्षित होकर खरीदारी कर लेते हैं।
देश में कोरोना काल के बाद उतपन्न हुई आर्थिक संकट से सब वाकिफ हैं और छोटे-मंझोले व्यापारियों को कोरोना की दोनों लहर के दौरान हुए नुकसान से भी पुरा देश परिचित हैं ऐसे में त्योहारों के सीजन में व्यापारियों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में ई-कॉमर्स व्यापार से हो रहे घाटे के रूप में उभरी है। यदि सरकार ने इस विषय पर तत्काल संज्ञान नहीं लिया तो करोड़ों व्यापारियों के सामने आजीविका चलाने के समस्या उतपन्न हो सकती है और इसका सीधा असर देश के रोजगार पर पड़ेगा।
झारखंड मजदूरों का शहर है जहाँ रोज कमाने खाने वाले बहुसंख्यक हैं। ऐसे में झारखंड राज्य और जमशेदपुर शहर में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है और स्थानीय व्यापारियों के अनुसार इस वर्ष ई-कॉमर्स ट्रेड के कारण उनके सेल वाल्यूम में 40 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान है।
श्री शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि वे इस विषय पर केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और ई-कॉमर्स व्यापार में नियम कानून कड़ाई से लागू कराने की दिशा में वार्ता करें।