जमशेदपुर : आईएमए और झासा की राज्य इकाई की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इसमें लंबित मांगों पर चर्चा की गई और सर्वसम्मति से निम्नलिखित मेनिफेस्टो (घोषणा पत्र) तैयार किया गया।
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1) मॉडर्न मेडिसिन, होम्योपैथी, आयुर्वेद की अपनी पहचान और इतिहास है। मरीज की देखभाल के लिए सभी पद्धतियों को मिलाना भयावह होगा। मिक्सोपैथी के प्रयास को रोका जाए।
2) देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है। झारखंड में यह एक्ट 23 मार्च 2023 को कैबिनेट से पारित हुआ था, लेकिन अब तक लागू नहीं हुआ। इसे जल्द लागू किया जाए।
3) 50 बेड तक के छोटे अस्पतालों और क्लीनिक को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 से मुक्त किया जाए।
4) स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी हटाया जाए और जीवन रक्षक उपकरणों पर जीएसटी दर घटाई जाए।
5) डॉक्टरों पर आपराधिक मुकदमा चलाने की प्रथा समाप्त हो।
6) चिकित्सा पेशा को कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट से मुक्त किया जाए।
7) पीसीपीएनडीटी एक्ट में सुधार की जरूरत है। रेडियोलॉजिस्ट पर दो केंद्रों में कार्य करने का प्रतिबंध हटाया जाए।
8) आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इलाज की दरों को रिवाइज किया जाए।
9) इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए लाइसेंसिंग परीक्षा (NEXT) को समाप्त किया जाए।
10) राज्य में चिकित्सा पदाधिकारी के पद बढ़ाए जाएं और एड हॉक नियुक्ति बंद हो।
11) डॉक्टरों पर गलत आरोप लगाने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो।
12) ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को विशेष सुविधाएं दी जाएं।
13) मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में केवल एमबीबीएस या बीडीएस योग्य शिक्षक हों।
14) केंद्र सरकार की तर्ज पर डायनेमिक एसीपी झारखंड में भी लागू हो।
15) 1988 बैच के डॉक्टरों की प्रोन्नति की जाए।
यह सारी मांगे IMA और झासा की राज्यस्तरीय बैठक में तय की गई हैं।