जमशेदपुर । झारखंड
श्रावण माह में बाबा भोले शंकर के दर्शन करने और जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। उनके प्रति लोगों में आस्था और प्रेम इतना है कि लोग मिलों दूर पैदल ही उनके दर्शन को खिंचे चले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्रावण माह में भोले नाथ के दर्शन मात्र से ही प्राणियों के सब दुःख दूर हो जाते हैं।
श्रावण माह में अकेले या टोलियों में महिला, पुरुष, बच्चे, सभी कांवर लेकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए पैदल ही यात्रा करते हैं। झारखंड राज्य में प्रसिद्ध बाबा नगरी है बाबा बैद्यनाथ धाम। यह राज्य के देवघर जिला में स्थित है। जहां श्रद्धालु दूर दराज से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने लोग जत्था बनाकर आते हैं।
बाबा के प्रेम में तो दुनियां दीवानी है। ऐसे ही दिवाने जमशेदपुर शहर से बाबा के दर्शन के लिए रात्रि टाटानगर स्टेशन पहुंचे। टाटानगर से जसीडीह स्टेशन पहुंच कर वे सभी विश्राम किये और थोड़ी देर बाद कांवर लेकर चल पड़े सुल्तानगंज कलशों में जल भरने।
बाबा की महिमा निराली है और उनका प्रेम अपने भक्तों के लिए अद्भुत है जो रास्तों में पड़ने वाले कंकड़, पत्थर भी कावड़ियों के लिए फूल बन जाते हैं। आज के समय में जहां चार कदम पैदल चल पाना भी मुश्किल हो जाता है वहां बाबा के प्रेम में हरेक व्यक्ति के लिए घण्टों पैदल चलना बड़ा सरल हो जाता है। पैदल ही कांवर यात्रा सम्पूर्ण करते हुए सभी श्रद्धालु दूसरे दिन पहुंच गए बाबा के दरबार, उनके मंदिर में।
लोगों की भीड़ से बने इस सागर में अद्भुत प्रेम देखने को मिलता है। बाबा से मिलने और जलाभिषेक करने के लिए लोग लंबी कतारों में लगे रहते हैं। जमशेदपुर के श्रद्धालु भी इन कतारों से होकर अन्ततः बाबा बैद्यनाथ का दर्शन किये और उनका जलाभिषेक कर अपने को रोग और भय मुक्त करते हुए, जगत कल्याण हेतु प्रार्थना किये।
बता दें कि कांवरिया के इस टीम में मुख्य रूप से समाजसेवी नीतू दुबे, शंकर जोशी, ओम प्रकाश, आशीष प्रसाद, आकाश प्रसाद, अंकित प्रसाद, सपन कुमार, देवदिप मंडल, पवन कुमार, जोय, अमर कुमार, निरज सिंह, विक्की कुमार, शंकर कुमार, कमलेश रजक, राज कुमार, छोटु कुमार एवं सोनु सचदेवा शामिल हुए।