जमशेदपुर । झारखण्ड
कुष्ठ रोगी को भी सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। श्रीमती बारी मूर्मू,अध्यक्ष-जिला परिषद, पूर्वी सिंहभूम।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत चिकित्सा पदाधिकारी तथा कुष्ठ कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण जिला परिषद सभागार, पूर्वी सिंहभूम में आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बारी मूर्मू, अध्यक्ष जिला परिषद, पूर्वी सिंहभूम तथा सम्मानित अतिथियों में श्री पंकज कुमार सिन्हा ,उपाध्यक्ष-जिला परिषद तथा श्री परितोष परमार, जिला परिषद सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों को पौधा तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रशिक्षक के रूप में डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रास्ट के कार्यक्रम पदाधिकारी श्री वाई0 सोमशेखर रेड्डी तथा डेमियन फाउंडेशन के क्षेत्रीय समन्वयक श्री कामदेव बेसरा ने कुष्ठ रोग के लक्षण, प्रकार, डायग्नोसिस, उपचार तथा डी0पी0एम0आर के अंतर्गत सेकेंडरी लेवल रेफरल सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला के सिविल सर्जन डॉ0 जुझार माझी ने अपने संबोधन मे कहा कि हम सबको मिल कर कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प लेना होगा। आज के प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को धरातल पर अमलीजामा पहनाने की जरूरत है।हमें भी कुष्ठ रोगियों से समान्य रोगी जैसा व्यवहार करने चाहिए। कुष्ठ रोग नियमित रूप से एम0डी0टी0 दवा का सेवन करने से यह बिल्कुल ठीक हो सकता है।
जिला परिषद, उपाध्यक्ष श्री पंकज कुमार सिन्हा ने बताया कुष्ठ रोगियों का जल्द से जल्द ईलाज शुरू करने से दिव्यांगता से बचाया जा सकता है।
जिला परिषद, अध्यक्ष श्रीमती बारी मूर्मू ने कहा कि सरकार के तरफ से चलाए जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं को कुष्ठ मरीजों तक भी पहुँचाने की जरूरत है। कुष्ठ रोग के प्रति फैले भ्रांतियां को दूर करने की जरूरत है।कुष्ठ रोगियों के प्रति नजरिया बदलने की आवश्यकता है। उन्हें भी समाज के मुख्यधारा में लाने की जरूरत है।
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, डॉ0 मृत्युंजय धाउडिया ने बताया कि जिला में चलाए गए कुष्ठ रोगी खोज अभियान-2023 के अंतर्गत दिनांक 26/07/2023 तक चाकुलिया =25,बहरागोड़ा-27,
धालभूमगढ़-11,घाटशिला-16, मुसाबनी-16,डुमरिया-15, पोटका-37,जुगसलाई-67, पटमदा-33 तथा शहरी क्षेत्र में 31 कुल 278 नये कुष्ठ रोगियों की पहचान कर एम0डी0टी0 दवाई दिया किया गया।
जिला कुष्ठ परामर्शी,डॉ0राजीव ने कहा कि किसी के शरीर में कोई भी दाग तथा दाग में निश्चित सुनापन हो तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। कुष्ठ रोग का सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क ईलाज उपलब्ध हैं।कुष्ठ रोग का जल्द ईलाज करने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।
मंच का सफल संचालन कायचिकित्सक श्री राज कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय के प्रधान लिपिक ऋषिकेश गिरि, डेमियन फाउंडेशन के दुर्योधन बागती,नितिश तराई, संजय चटर्जी का योगदान रहा।