नई दिल्ली | भारतीय रेड क्रॉस को भारतीय सीमाओं से परे राहत कार्यक्रमों में शामिल होकर अगले स्तर तक पहुंचना होगा : डॉ. मनसुख मांडविया
माननीय राष्ट्रपति और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की अध्यक्ष, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के औपचारिक सत्र की अध्यक्षता की। 9 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों ने एजीएम में भौतिक रूप से भाग लिया, जबकि कुछ अन्य वर्चुअल रूप से शामिल हुए। आईआरसीएस के माननीय अध्यक्ष डॉ. मनसुख मांडविया भी उपस्थित थे।
यह एजीएम कोविड-19 महामारी के कारण छह साल बाद भौतिक रूप से आयोजित हुई। बैठक में देश भर से 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ मांडविया ने कहा कि रेड क्रॉस का जन्म जरूरतमंदों और कमजोर लोगों की सेवा के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि “भारतीय रेड क्रॉस को भारतीय सीमाओं से परे राहत कार्यक्रमों में शामिल होकर अगले स्तर तक पहुंचना होगा।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अधिक दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए, राज्य आईआरसीएस शाखाओं को अपने माननीय राज्यपालों को पीपीटी के रूप में एक मासिक रिपोर्ट देनी होगी ताकि रेड क्रॉस के काम का प्रसार हो और अधिक से अधिक लोगों संगठन से जुड़ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि रेडक्रॉस को पारदर्शिता से काम करना चाहिए ताकि वह कॉरपोरेट जगत से सीएसआर के तहत फंडिंग पाने के लिए पहली पसंद बन सके।
समारोह के दौरान, माननीय राष्ट्रपति ने तेलंगाना के डॉ. एलएन अंबाती नटराज और आंध्र प्रदेश के डॉ. गोपराजू समाराम को रेड क्रॉस गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। आईआरसीएस, ओडिशा राज्य शाखा को अधिकतम धन जुटाने के लिए सम्मानित किया गया और आईआरसीएस जम्मू और कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश शाखाओं के बीच वर्ष 2021-22 के लिए अपनी जनसंख्या के अनुसार अधिकतम धन जुटाने के लिए सम्मानित किया गया। गुजरात राज्य शाखा और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, केंद्रशासित शाखा को उच्चतम स्वैच्छिक रक्त संग्रह के लिए रक्तदान शील्ड प्राप्त हुई। गुजरात राज्य शाखा ने वर्ष के दौरान 2 लाख 77 हजार यूनिट से अधिक रक्त एकत्र करके स्वर्ण पदक जीता।