राँची | झारखण्ड
मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के वर्तमान ढांचा का सुदृढ़ीकरण करने और इसके विस्तारित फेज-2 का क्रियान्वयन करने पर विचार करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा आयोजित बैठक राँची स्मार्ट सिटी के सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने किया। बैठक में नगर विकास विभाग की ओर से जुडको के प्रबंध निदेशक अमित कुमार, धालभूमगढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी पियुष सिन्हा, जुडको के परियोजना पदाधिकारी (तकनीकी) गोपाल जी, सूडा के उपनिदेशक कृष्ण कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी, संजय कुमार और टाटा स्टील यूआईएसएल के संजीव झा, राजवर्द्धन तथा इस परियोजना के लिए चयनित परामर्शी वेपकोस के प्रतिनिधि शामिल हुए।
टाटा स्टील के पदाधिकारियों ने बताया कि वे अब तक 5000 नये पेयजल कनेक्शन दे चुके है और पहले की 6000 अवैध कनेक्शन में से 3700 को वैध कर दिया है। शेष 2300 कनेक्शन को वैध करने का काम चल रहा है। वर्तमान मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के क्षेत्र में 7000 मीटर नये पाईपलाईन बिछाने पर काम चल रहा है। जिससे 1000 नये घरों में पेयजल कनेक्शन दिया जायेगा। यह हो जाने पर उपभोक्ताओं को अपना पेयजल कनेक्शन जोड़ने के लिए वर्तमान की तुलना में काफी कम पैसा देना पड़ेगा। पेयजल कनेक्शन का जो पाईप नालों में से होकर गुजरे है, वे भी अलग होंगे और 1500 नये कनेक्शन जुड़ेंगे। इस तरह कुल मिलाकर करीब 2000 नये पेयजल कनेक्शन इसके माध्यम से मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना क्षेत्र में लाये जायेंगे।
जमशेदपुर अक्षेस और टाटा स्टील के अधिकारियों ने बताया कि मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना की क्षमता बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए करीब एक दर्जन नये पानी टंकी बनाना है। जिन पुरानी टंकियों का कनेक्शन एक ही मेन पाईप से जुड़ा हुआ उसे हटाकर सभी टंकियों को अलग-अलग पाईपलाईन से जोड़ा जायेगा ताकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सभी टंकियाँ एक साथ भरा जा सके और सुबह-शाम नियमित रूप से जलापूर्ति की जा सके।
टाटा स्टील और जमशेदपुर अक्षेस के पदाधिकारी ने कहा कि परियोजना का क्षेत्र विस्तार करने के लिए एक नया इंटेक वेल और एक रिर्जोव वायर बनाना होगा। यह इंटेक वेल स्वर्णरेखा के बीच में बनेगा ताकि गंदा पेयजल से छुटकारा मिल सके। इस पर विधायक सरयू राय ने एक सुझाव दिया कि जमशेदपुर में औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए अलग सिस्टम बनाया जाय। औद्योगिक उपयोग हेतु जल सीधे नदी से खींचा जाय और घरेलू उपयोग के लिए चांडिल डैम से डिमना लेक में पानी डाला जाय और वहाँ से मानगो होते हुए पाईपलाईन लेकर जमशेदपुर और मानगो में आपूर्ति की जाय। उन्होंने इसके अतिरिक्त सुझाव दिया कि सतनाला डैम में चांडिल की नहर से पानी लाकर पेयजल के रूप में आपूर्ति की जाय। इससे पेयजल के रूप में साफ पानी मिलने की गांरटी हो जायेगी और नदी में गिर रहे जलमल निकासी वाले नालों के प्रदूषण से छुटकारा मिलेगी।
निर्णय हुआ कि नगर विकास विभाग के अधिकारी इस बारे में राज्य सरकार के पास प्रस्ताव रखेंगे और टाटा स्टील के अधिकारी इससे अपने उपर के अधिकारियों को अवगत करायेंगे। ताकि विधायक सरयू राय के इस प्रस्ताव को क्रियान्वित किया जा सके।
वर्तमान में मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना की सुदृढ़ीकरण और फेज-2 के कार्यों में गति लाने के लिए आगामी 22 जुलाई को जमशेदपुर में एक बैठक रखी जायेगी, जिसमें टाटा स्टील के अधिकारी, जमशेदपुर अक्षेस के अधिकारी, जमशेदपुर जिला प्रशासन के अधिकारी तथा इस कार्य के लिए नियुक्त परामर्शी वेपकोस के अधिकारी इसमें शामिल रहेंगे।
यह बैठक सरयू राय की अध्यक्षता में होगी। बैठक का आयोजन करने की जिम्मेदारी जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी को दी गई। आज की बैठक से उम्मीद बढ़ी कि जमशेदपुर के उपभोक्ताओं और मोहरदा पेयजल आपूर्ति क्षेत्र के उपभोक्ताओं को एक समान शुद्ध जल मिलना सुनिश्चित हो जायेगा। इसके लिए फिलहाल पाँच करोड़ रूपया झारखण्ड सरकार और सात करोड़ रूपया टाटा स्टील अविलंब मुहैया करायेगी।