मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना है, शहादत और बलिदान का दिन है।
जमशेदपुर: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है। यानि मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी वर्ष का शुरुआती महीना होता है। बकरीद के त्योहार के 20 दिन बाद मुहर्रम मनाया जाता है। इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना काफी अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन शहीद हुए थे।
हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब के छोटे पोते थे। उनकी शहादत की याद में लोग मुहर्रम महीने के दसवें दिन को शोक के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा भी कहते हैं। इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मुहर्रम महीने के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हुए थे।
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मोहर्रम है शहादत और बलिदान का पर्व
इस दिन को उनकी शहादत और बलिदान के तौर पर याद किया जाता है। कहा जाता है कि इराक में यजीद नाम का एक क्रूर राजा था, जो इंसानियत का दुश्मन था। यजीद अल्लाह को नहीं मानता था। यजीद चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन भी उसके खेमे में शामिल हो जाएं। हालांकि इमाम साहब को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने राजा यजीद के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। इस जंग में वे अपने बेटे, परिवार और अन्य साथियों के साथ शहीद हो गए। तब से यह दिन मनाया जाता है।
आज सोनारी थाना परिसर में आगामी मोहर्रम पर्व को लेकर शांति समिति की विशेष बैठक आयोजित की गई जिसमें अजय कुमार साहू (निदेशक एनईपी) पूर्वी सिंहभूम, सुदीप्त राज (कार्यपालक दंडाधिकारी) जमशेदपुर, निरंजन तिवारी पुलिस (पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय-2), सोनारी थाना प्रभारी कुमार सरयू आनंद, सोनारी थाना शांति समिति के अध्यक्ष डॉ अमोल पात्रो और सोनारी शांति समिति के सचिव सह अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू की अध्यक्षता में शांति समिति की विशेष बैठक आयोजित की गई।
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बैठक में सोनारी में मोहर्रम जुलूस को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को लेकर प्रशासनिक दिशा-निर्देश दिए गए। साथ ही सोनारी थाना शांति समिति के सभी सदस्यों को सूचित किया गया कि वे अपने-अपने सेवा स्थल पर उपस्थित रहकर प्रशासन के पदाधिकारियों के सहयोग से विसर्जन जुलूस को समय पर संपन्न कराएं। लोगों से अपील की गई कि वे किसी भी तरह की भ्रामक अफवाहों पर ध्यान न दें और अपना त्योहार शांतिपूर्वक मनाएं।
अखाड़ा समिति ने अनुरोध किया कि कृपया आग का खेल और ट्यूबलाइट से खेले जाने वाले खेल की अनुमति न दी जाए ताकि न तो खिलाड़ियों को और न ही आने-जाने वाले लोगों या दर्शकों को कोई परेशानी हो।
आज की बैठक में आए सभी गणमान्य और सम्मानित लोगों ने अपने दिल की गहराइयों से सोनारी थाना शांति समिति के सभी लोगों से मोहर्रम पर्व को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की पूरी इच्छा व्यक्त की।