जमशेदपुर | झारखण्ड
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उद्योग-शैक्षणिक कॉन्क्लेव 2023 के दूसरे दिन मॉडल प्रस्तुतिकरण एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विभिन्न स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ – साथ गैर-इंजीनियरिंग कॉलेजों के लगभग 250 प्रतिभागियों ने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मॉडल / एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता, नवीन विचारों और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया है। थीम आधारित मॉडलों ने टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ विनिर्माण प्रौद्योगिकियों, स्वचालन, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), मानव रहित हवाई वाहन, ब्लॉक श्रृंखला प्रौद्योगिकियों, कार्बन तटस्थता, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा और हरित और टिकाऊ घरों को बढ़ावा देने में अपनी प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया।
आंतरिक संकाय सदस्यों और बाहरी विशेषज्ञों वाले कुल तीन पैनलों ने इन मॉडलों/अनुप्रयोगों का मूल्यांकन किया है। एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक डॉ. गौतम सूत्रधर ने प्रतिभागियों को अपने भविष्य के लक्ष्यों को इस तरह संरेखित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि भारत आत्मनिर्भर बने और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल कर सके। इसके अलावा, धातुकर्म और पदार्थ अभियांत्रिकी विभाग में एक प्राचीन लोहा बनाने वाली फर्नेस का भी उद्घाटन किया गया। झारखंड के गुमला जिले के बिष्णुपुर ब्लॉक से आए जनजातियों ने छात्रों को प्राचीन लोहा बनाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। डॉ रंजीत प्रसाद, विभागाध्यक्ष (धातुकर्म और पदार्थ अभियांत्रिकी विभाग) और संयोजक उद्योग – शैक्षणिक कॉन्क्लेव 2023 ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार के प्रदर्शन से छात्रों को टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के विकास में मदद मिलेगी।