रांची । झारखंड
आज दिनांक 16 अक्टूबर 2023 को रांची स्थित राजभवन में माननीय राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन द्वारा रिटायर्ड सीनियर एकाउंट्स, लेखा एवं हक० श्री नागेंद्र पाठक रचित पुस्तक “सरकारी लेखांकन का सरलीकरण” का विमोचन सुबह 11:45 बजे किया।
इस अवसर पर पुस्तक “सरकारी लेखांकन का सरलीकरण” को पूर्णरूप देने में सहयोगी की भूमिका निभाने वाले न्यूज पोर्टल ‘द न्यूज फ्रेम’ के संपादक सह इंडियन जर्नलिस्ट एशोसिएशन के जिला अध्यक्ष श्री अनिल कुमार मौर्य भी उपस्थित थे।
बता दें कि पुस्तक “सरकारी लेखांकन का सरलीकरण” की महत्ता को जानकर माननीय राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने पुस्तक की प्रशंसा की साथ ही लेखक श्री नागेंद्र पाठक का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस पुस्तक की विशेषता के फलस्वरूप इसे प्रत्येक राज्य के सरकारी दफ्तरों में होना चाहिए।
वहीं लेखक नागेंद्र पाठक ने पुस्तक की विशेषता बताते हुए कहा की सरकारी लेखांकन का सरलीकरण (Simplification of Government Accounting) एक ऐसा महत्वपूर्ण विषय है- जो केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों एवं स्थानीय निकायों के कार्यों के निष्पादन में सहायक है।
सभी विभागों एवं कार्यालयों में यह पुस्तक उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि दैनिक कार्यों के लेखाजोखा एवं अन्य कार्यों के निष्पादन में किसी भी तरह की कठिनाई न होने पाए।
यह पुस्तक अभूतपूर्व एवं अद्वितीय है, कारण यह है कि सरकार के स्तर से जो बजट पारित होता है- उसके समस्त लेन-देन (Transactions) विभिन्न सेक्टर एवं मुख्य शीर्ष, लघु शीर्षों के अंतर्गत संधारित होता है। अभी तक इन शीर्षों की एक व्यापक परिभाषा एक साथ कहीं भी उपलब्ध नहीं थी, किंतु इस पुस्तक में पूर्ण रूप से व्याख्या की गई है।
सरकारी लेखांकन मुख्यतः बजट पर आधारित होता है, जिसमें अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन, भारतीय संविधान संबंधित महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शामिल होते हैं। यह पुस्तक अद्यतन अभिलेखों के आधार पर संधारित है। यह पूरा प्रयास है कि इस पुस्तक में सभी विभागों, खासकर कोषागार नियमों, लोक निर्माण लेखाएं संबंधित पाठ्यक्रम शामिल हो सके एवं विभागीय परीक्षाओं में ये सहायक हो।
इस पुस्तक को सिलेबस के रूप में रखा जाए तो संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षार्थी काफी हद तक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही उन्हें सरकारी सेवा आने पर उन्हें इस पुस्तक से सरकारी कार्यों के निष्पादन में सुविधा होगी।
केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों में इस पुस्तक की विशेषता काफी हो सकती है, और नियुक्त पदाधिकारी एवं कर्मचारी आसानी से अपने दायित्व को पूरा कर सकते हैं।