JAMSHEDPUR : शनिवार 07 जनवरी, 2023
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि टुसु परब छोटानागपुर के ग्रामांचल में बहुत ही धूमधाम एवं रिझ रंग के साथ मनाया जाता है। लेकिन झारखंडी समुदाय रहने के बाद भी शहरों में टुसु न के बराबर मनाया जाता है। इसलिए वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच ने झारखंड के सभी शहरों में अलग-अलग दिन पौष महीने में ही टुसू परब मनाने का निर्णय लिया है।
बृहद झारखंड कला संस्कृति मंच, जमशेदपुर ने सभी झारखंडवसियों से निवेदन किया है की वे आमबागान मैदान साकची तक आएंगे और “डहरे टुसू परब” मेला लगाएँगे।
बृहद झारखंड कला संस्कृति मंच, जमशेदपुर ने टुसू परब की महत्ता को विस्तार से बतलाया की टुसू परब का मूल रूप धान है। इसीलिए इसे धानी, डिनि और दुसुमनि भी कहा जाता है। टुसु परब प्रकृति केंद्रित परब है परन्तु कालांतर में इसके साथ कई कहानियाँ जुड़ गयी या जोड़ दी गयीं। उनका कहना है की इसे मनगढ़ंत कहानियों में कहीं राजकुमारी तो कही देवी बना दिया। इन मनगढंत कहानियों के असर से चौडल के साथ-साथ टुसु मूर्ति का आकार भी आ गया, ये सभी रूप हमारे मूल परव की पहचान अर्थ और महत्व को बदल रहे हैं, कमजोर कर रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया की इस परब की मूल पहचान को कायम रखते हुए हम सभी लोग एक साथ मिलकर चौडल, नगाड़ा, मादर, बांसुरी आदि लेकर 8 जनवरी को डहर यानी सड़क पर निकलेंगे। हमलोग नाचते-खेलते, हँसी-खुशी, गीत- बाजना के साथ तिलका माझी चौक डिमना से आमबागान मैदान साकची तक आएंगे “डहरे टुसू परब” मेला लगाएँगे। 8 जनवरी 2023 दिन रविवार को सभी के सहयोग, समर्थन से अपने सांस्कृतिक विरासत को बचाना और उनके पहचान को शहर में स्थापित करने के लिए “डहरे टुसू परब” का आयोजन किया गया है।
आगे उन्होंने सभी माँ, काकी जेठी, नुनी, भाई, दादा, काका, खुड़ा से विनम्र निवेदन किया है कि सब अपने पारम्परिक परिधान पहनकर निर्धारित समय सुबह 10:00 बजे तिलका मांझी चौक, डिमना पहुंचे। वहाँ से हमलोग नाचते गाते हुए आमबागान मैदान, साकची जायेंगे।