Jamshedpur : बृहस्पतिवार 11 अगस्त, 2022
तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा भारतीय संविधान के अनुछेद 341 के पैरा 3 में लगी धार्मिक पाबन्दी हटाई जाये और 10 अगस्त सन 1950 से पूर्व की स्थिति को बहाल किये जाने को लेकर जनाब खालिद इकबाल ने वर्तमान सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है।
बता दें कि ऑल इण्डिया मोमिन अन्सार सभा की विशेष बैठक 10 अगस्त, 2022 को अध्यक्ष जनाब खालिद इकबाल की अध्यक्षता मे एमएस आईटीआई आजाद नगर जमशेदपुर झारखंड मे सम्पन्न हुई l जिसमें उन्होंने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा भारतीय संविधान के अनुछेद 341 के पैरा 3 में लगी धार्मिक पाबन्दी लगाये जाने के विरुद्ध यह बैठक की गई है।
बैठक में सभी पदाधिकारियो ने इस काले कानून की कड़े शब्दों मे निन्दा की और विगत वर्षो की तरह माननीया राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन मे माँग करते हुऐ जनाब खालिद इकबाल ने कहा की 10 अगस्त सन 1950 से पूर्व सभी धर्मों के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को ST/SC आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन 10 अगस्त सन 1950 में तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय ने एक अध्यादेश के तहत अनुसूचित जाति के मुसलमानों को इस अररक्षण के लाभ से वंचित कर दिया जैसा की भलीभाँती विदित है कि भारत का संविधान धर्म निरपेक्ष संविधान है और यह किसी धर्म अथवा समुदाय के व्यक्तियों के साथ पक्षपात व भेदभाव की इजाज़त नहीं देता है परंतु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सन 1950 तत्कालीन सरकार द्वारा अनुछेद 341 के पैरा 3 पर धार्मिक प्रतिबन्ध लगा कर दलित एवम अनुसूचित जाति के मुसलमानों के साथ भेद-भाव किया गया है स्थिति यह है कि यदि अनुसूचित जाति का मुसलमान/दलित मुसलमान आरक्षण चाहे तो उसे धर्म परिवर्तन करना होगा। यह भारत के संविधान कि मूल आत्मा के विरुद्ध है तथा दलित पसमांदा भारतीय मुसलमानों के अधिकार का हनन है। देशभर में पसमांदा दलित मुस्लिम समाज के करोड़ों लोग दलितों से भी बदतर परिस्तिथियों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। जैसा कि समय-समय पर विभिन्न आयोगों ने भी अपनी रिपोर्टों में उजागर किया है।
अतः मोमिन अंसार सभा आप से अनुरोध करती है की देश के करोड़ों दलित पसमांदा भारतीय मुसलमानों की दयनीय परिस्थिति व भावनाओं का ख्याल रखते हुए संविधान के अनुछेद 341 के पैरा 3 पर धार्मिक प्रतिबन्ध को समाप्त करवाने का कष्ट करें। जिससे की दलित पसमांदा मुसलमानों को भी न्याय मिल सके। बैठक मे प्रमुख रूप से फैयाज अहमद, अहद आलम, जाहिद तहसीन, शाहेबे आलम, आमिर फिरदौसी, एमडी नदीम, एमडी एहसान, रियाज़, राहत हुसैन, तस्लीम आदि मौजुद थे।
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