जमशेदपुर | झारखण्ड
गोविंदपुर हाउसिंग क्लोनिंग 19/1/4 से दीपाली मुखर्जी को उनके घर से उनके भतीजे ने भगा दिया है और वह कई दिनों से दर-दर भटक रही थी जो कि आज सत्यम संजीवन ट्रस्ट की अध्यक्ष कंचन सिंह ने उन्हें अपने आश्रय में अपने घर पर रखा है। दीपाली मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता का नाम डीसी मुखर्जी और माता जी का नाम शांति मुखर्जी है वे दो भाई एवं एक बहन हैं। दीपाली मुखर्जी की शादी नहीं हुई है। उन्होंने बचपन से लेकर जवानी तक अपने भाई-भतीजे को पालने पोसने और अपने माता-पिता की सेवा करने में बिता दिया और आज उन्हें बुढ़ापे में सहारे की जरूरत है तो भतीजे संजीव मुखर्जी ने इन्हें बेघर कर दिया। यह आज दर-दर भटक रही है। आज उनके साथ किसी तरह का हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
बता दें की वह भटकते-भटकते सत्यम संजीवन ट्रस्ट के पास आई, जिन्हें आसरा मिला है और यह सांत्वना भी मिली है कि उन्हें उनका अधिकार जरुर दिलाया जायेगा। शादी के बाद बेटियों का अधिकार कानून ने बनाया है फिर इनकी तो शादी भी नहीं हुई है।
इस घटना से दुखी होकर सत्यम संजीवन ट्रस्ट की अध्यक्ष कंचन सिंह ने कहा की देश और राज्य में सीता का अपमान किया जा रहा है, हम बेटी, माता, बहने कहीं भी सुरक्षित नहीं है। ना ही घर में, ना ही बाहर। फिर यह कैसा दिखावा चल रहा है। जय श्री राम, जय श्री राम का ! इसी के साथ में अपने सभी देशवासियों को और अपने भाई बंधु को यह संदेश देना चाहती हूं कि राम भगवान पुरे 500 सालों के बाद हमारे बीच आ रहे हैं। राम भक्तों, आप जय श्री राम, जय श्री राम जरूर कीजिए, साथ ही उनके बताए हुए मार्गदर्शन को भी अपनये; ताकि हमारे देश में बढ़ रहे पाप, कुरीतियों पर हम सभी काबू कर सके। आज श्री राम भगवान का आना यह संकेत देता है कि हमारे धरती पर पाप बढ़ गया है कि श्री राम भगवान को खुद आना पड़ रहा है। इसलिए अपनी माता – बहनों का अपमान करना बंद करें और उन्हें इज्जत से अपने देश में अपने राज्य में अपने घर पर रखें!